अजीत पवार की बगावत से एनसीपी परेशान , शरद पवार के पास NO word’s, देवेंद्र फडणवीस ने किया बड़ा खेला ?

2023 के शुरुवाती दिनों से ही महाराष्ट्र के पॉलिटिक्स में कुछ न कुछ हलचल चल ही रही हैं, चाहे सरकार बदलने की वजह हो , पक्ष विपक्ष को लेकर विवाद हो याफिर , पार्टी की चिन्ह को लेकर बवाल हो । और इसका सीधा असर होता हैं आम  जनता पर, उनकी नज़र हमेशा टिकी हुई रहतीं हैं, की यह चल क्या रहा हैं। और इसी विवाद से अभी की situation में घिरे हैं, महाराष्ट्र के एक विवादित बयान वाले अजीत पवार और शरद पवार,  आप सोच भी नही सकते की कुछ पोस्ट के लिए पॉलिटिक्स क्या से क्या हो जाए, पहले अजीत पवार हमेशा बीजेपी के विरोध में बोलते थे , उनके काफ़ी सारे बयान अगर आप देखेंगे तो आपको पता चल हि जाएगा।

अभी क्या विवाद है इस  महाराष्ट्र सरकार की ?

तो करेंट गवर्नमेंट में इनको चाहिए था , महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री पद , लेकिन बीजेपी में ऐसा होना नामुमकिन था, अजीत पवार को लगा उनको मिलेगा यह पद , लेकिन उनके साथ खेला हो गया, जो किया बीजेपी ने, अब वो ना बीजेपी के रहे और ना ही एनसीपी के लेकिन शरद पवार अभी भी कन्फ्यूज्ड हैं की शरद को वापस अपनी पार्टी में बुलाए की नहीं, वही बारामती से संसद , सुप्रिया सुले चाटी हैं की  चाहे कुछ भी हो जाए हम अजीत की नहीं छोड़ सकते। अजीत पवार के बीजेपी में जाने के बाद , शरद पवार ने कहा की एनसीपी कभी टूट नहीं सकती , अजीत का यह एक कदम था जो उसने उठाया अब क्या सही किया ,या गलत किया वो जाने, हमारे बीच कोई भी गीले शिकवे नहीं हैं, अजीत पवार हमेशा राजनीति में सक्रिय भूमिका में नजर आते हैं ,उनके विवादित बयान हमेशा नई मुसीबत उनके सामने लेकर आती हैं, मगर वो उसपे कोई, रिएक्शन ही नहीं देते, शायद इसीलिए एनसीपी ने उन्हें Better position से  दूर रखा है।

लेकिन जैसे ही बीजेपी में जाने का मौका मिला अजीत ने देर न लगाते हुए शामिल हो गए । और सपने देखने लगे की ,मैं अभी उप मुख्यमंत्री बन सकता हु , लेकिन कुछ दिनों बाद , देवेंद्र फडणवीस का बयान आता है की हम , अजीत को कोई और पद देंगे, वो खुली आंखों से सपने देखना बंद करे की , उन्हे हम महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनायेंगे ।

अजीत पवार हमेशा राजनीतिक के तवे पर अपनी रोटी गर्म करने का कोई चांस नहीं छोड़ते, यह बात तो अभी हर एक नेता हो याफिर आम जनता हो उन्हे समझ आ गई , और इसीलिए इनकी सभाएं रद्द होती चली गई पुणे में आयोजित सभा में सुप्रिया ने कहा की , यह लोकतंत्र हैं , यह ऐसा होना आम बात है, और हम अजीत की भलीभाती जानते हैं , उन्होंने जो कदम उठाया हैं ,वो उनकी मर्जी है, लेकिन फिर भी हम अजीत का उतना ही सम्मान करते हैं जितना की पहले करते हैं।

अभी फिलहाल महाराष्ट्र में ncp के अध्यक्ष हैं जयंत पटेल , जो की अभी मौन हैं । क्युकी सब कुछ तो , शरद पवार ही बोलकर बैठ गए तो अब उनके पास कुछ बचा ही नहीं  की , वो अजीत के बारे में टिप्पणी करे। लेकिन कही न कही एनसीपी दुखी जरूर हैं की उनके कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया हैं। जुलाई से ही अब तक अजीत पवार, शरद से मिल चुके हैं ,

एनसीपी से बगावत करने के बाद भी उनका कॉन्टैक्ट पार्टी से रहा , 8 जुलाई के आस पास उन्हे उप मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई ,जब वो शिंदे गुट में शामिल हुए , मगर कुछ दिनो बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने खेला कर दिया और उन्हें मतलब की अजीत पवार को, उप मुख्यमंत्री पद से हटाकर , फाइनेंस मिनिस्टर बना दिया , अब यह सब उथल पुथल देखकर , अजित ने तो  एनसीपी के रहे और न ही proper, शिंदे गुट के , अगर आपको बता दे की अभी भी अजीत के पास 40 विधायको का समर्थन हैं जो पहले एनसीपी में थे ,और अभी शिंदे गुट में हैं। कही न कहीं , आनेवाले चुनावी में शिंदे और बीजेपी को अजीत का फायदा जरूर होगा ।

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