किसान आंदोलन 2024 किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान  के नारो , क्या सच में पीएम आवास को घेरने की तैयारी में जुटे हैं खालिस्तानी

काफ़ी दिनो से हरियाणा पंजाब सीमा पर किसान आंदोलन करते दिख रहे हैं, लेकिन किसान आंदोलन कि आड़ में भारत विरोधी नारे भी लगाए जा रहे हैं ,  ऐसे में सवाल हैं की क्या सच में यह भारत के किसान ही हैं , या फिर भारत विरोधी दल हैं, साथ ही खालिस्तानी समर्थकों ने दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा,और हल्दोई सीमा पर किसानों के नाम पर कुछ असमाजिक तत्वों ने भारत का माहौल खराब किया हैं, अगर हम किसान आंदोलन पर एक नजर डाले तो सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमे किसान के भेस में भारत विरोधी लोग जुड़े हैं, और सत्ता की लालच में कुछ राजनितिक पार्टी के नेता भी इनका साथ देते दिख रहे हैं।

हरियाणा पंजाब सीमा Closed

राष्ट्रीय महामर्गो पर खालिस्तान के झंडे लगाते हुए भी कई तरह के वीडियो सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे हैं, कुछ ऐसे भीं नेता हैं, जो बहती गंगा में हाथ धोने का काम कर रहे हैं। पिछली बार भी पंजाब हरियाणा के किसानों ने 3 किसान बिल पर विरोध प्रदर्शन किया था और केंद्र सरकार ने 3 किसान अधिनियम वापस लिए थे। अब फिर एक बार पंजाब , हरियाणा के किसान एमएसपी मूल्य को लेकर सड़क पर उतर आए हैं,लेकिन कुछ वायरल वीडियो को अगर हम देखे तो , कुछ गतिविधियां ऐसी दिखाई दे रही है,की क्या यह सच में वही किसान हैं, जो लाल बहादुर शास्त्री के एक भाषण पे एक समय भूखे रहने के लिए तयार बैठे थे ?

कई वायरल वीडियो में हलदोई सीमा पर तैनात किसान शराब पीते दिख रहे हैं, सड़को को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इन किसानों के पास ट्रैक्टर की कोई कमी नही हैं और न ही महंगी से महंगी गाड़ियों किं कमी हैं, देश के बाकी किसानों को अगर देखे तो उनका आंदोलन कही मायने में अलग रहता हैं, शांति पूर्वक रहता हैं, भले ही हरियाणा पंजाब के किसान बाकी किसानों से समृद्ध हैं, लेकिन गौर करने की बात यह हैं की MSP को लेकर केवल पंजाब हरियाणा में ही आंदोलन शुरू हो गया हैं न की देश में कही ओर।

क्या हैं किसानों की मांग, क्यू छिड़ी हैं MSP को लेकर बहस ?

अगर हम किसान आंदोलन को गौर से  देखे और समझे तो यह मामला MSP को लेकर कम और सरकार के खिलाफ कुछ ज्यादा ही दिख रहा हैं, साथ ही खालिस्तान समर्थक किसानों का इस्तेमाल अपने लिए कर रहे हैं, जहां तक सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखे तो भारत भर से यही प्रतिक्रिया आ रही हैं।

किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस प्रशासन अलर्ट  हैं, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो , किसानों का घेराव पीएम आवास को क्षति पहुंचाना भी हों सकता हैं, 2000 से ज्यादा ट्रैक्टर्स पर सवार किसानों के हाथो में कई हथियार दिखे हैं, जिसमे तलवार, त्रिशूल, और बंदूके भी शामिल हैं, किसानों के नाम पर भारत में पल रहे कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा दिल्ली में आतंक करना भी हों सकता हैं, दिल्ली पुलिस प्रशासन की बात माने तो दिल्ली में 144 लागू भी किया जा सकता हैं, फिलहाल , दिल्ली की सीमा पर कई बनकर खड़े किए हैं, किसानों को रोकने के लिए जगह बैरियर गेट से साथ साथ हर संभव प्रयास किया गया है की किसान दिल्ली के अंदर हथियार के साथ प्रवेश नही कर पाए , लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस की मुश्किल बढ़ी हुई हैं, आंदोलनकारी दिल्ली में प्रवेश करने के लिए , राष्ट्रीय परिवहन का इस्तेमाल भीं कर सकते हैं, लोकल बसे स, ट्रेन से भी दिल्ली में आन्दोलन पहुंच सकते हैं, ऐसे में दिल्ली पुलिस प्रशासन चाहता हैं की कोई भी हाथियार लैस दिल्ली में दाखिल न हो,इसके लिए हर जगह तगड़ा बंदोबस्त किया गया है।

हरियाणा पंजाब सीमा Closed2

मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए यह अंदेशा जताया जा रहा हैं की, दिल्ली में तकरीबन  20,000 किसान पहुंचने वाले हैं, बाकी सभी हरियाणा के आस पास पहुंचने हैं, वही हरियाणा पंजाब के साथ साथ अब केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक से भी किसान आंदोलन समर्थक दिल्ली पहुंच रहे हैं।

दिल्ली पुलिस प्रशासन को आशंका हैं की , यह आन्दोलन कारी दिल्ली में दाखिल होने के लिएं, बस , कार याफिर बाइक का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि दिल्ली में घुसपैठ कर पाए और पुलिस को चकमा दे पाए, साथ ही बीजेपी केंद्रीय मंत्री, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी आवास, ओर कृषि मंत्री के आवास के सामने भी प्रदर्शन कर सकते हैं साथ ही पुलिस प्रशासन का कहना हैं की  इस आन्दोलन में महिला और बच्चे भी शामिल हो सकते हैं, दिल्ली पुलिस प्रशासन का कहना हैं की किसी भी तरीके से दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रहे।

दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा पर सीआरपीएफ जवान की तैनाती और लगी धारा 144.?

किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की बॉर्डर पर  अपने जवानों को तैनात किया हैं ताकि कोई भी अनैतिक कार्य न हो पाए,साथ ही वरिष्ठ अधिकारी किसानों को बोलते हैं की वह किसी भी प्रकार की हिंसा को अंजाम न दे, दिल्ली में कोई भी हथियार समेत न घुसे, पंजाब हरियाणा के साथ साथ अब देश के कुछ राज्य से भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश सीमा से लगाए दिल्ली बॉर्डर पर पोलिस प्रशासन कडे पहरे के साथ खड़ी हैं। साथ ही दोनों सीमा पर धारा 144 लगाने को लेकर भी बात  चल रही हैं।

हरियाणा पंजाब सीमा Closed1

दिल्ली पुलिस अधिकारी की तरफ से आदेश जारी किया गया है की उत्तर प्रदेश से कोई भी ट्रैक्टर ट्राली, बस, कमर्शियल गाड़िया दिल्ली में बिना परमिशन दाखिल नहीं होगी, साथ ही घोड़ा गाड़ी,और घोड़ेस्वार भी दिल्ली में नही घुस पाएंगे।

नॉर्थ ईस्ट जिला डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस जॉय कीर्ति ने कहा हैं की कोई भी किसान रॉड, तलवार , त्रिशूल, डंडा लेकर आंदोलन न कर पाएं।

दिल्ली के सीलमपुर में और  हरियाणा के पंचकुला में धारा 144 लागू कर दी गई हैं, किसान आन्दोलन के नाम पर दिल्ली चलो मार्च में कई ऐसे असामाजिक तत्वों ने कमान संभाली हैं जिसकी वजह से आन्दोलन हिंसक हो गया है, किसान आन्दोलन में शामिल लोगो ने सड़के भी खराब कर दी हैं, जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था खराब हो और स्थानित लोगो को इससे पहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इधर कई किसान संघटन भी इस आन्दोलन में शामिल हो रहे हैं, जो की किसान मांगो की जगह राजनितिक विरोध ज्यादा लग रहा है।

क्या हैं किसानों की मांग , जिसको लेकर फिर एक बार सड़क पर उतरे किसान ?

इससे पहले भी 2021 में किसान बिल पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था तब लाल किले के अंदर तोड़फोड़ की गई थी।तब लाल किले को काफी नुकसान पहुंचा था, तब सरकार ने वह 3 किसान अधिनियम वापस लिए थे , ताकि आन्दोलन हिंसा का रूप न ले पाएं।

26 जनवरी 2021 को भी किसान और पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिला था, जिसमे किसानो ने काफी तोड़फोड़ भी की थी, जिन्हे नियंत्रण में रखने के लिए मजबूरन  पोलिस प्रशासन को आंसू गैस का उपयोग करना पड़ा था, इस हिंसावादी संघर्ष को देखने के बाद पीएम मोदी ने तीनों किसान अधिनियम को वापस लेने का फैसला किया था, लेकिन इस झड़प में देश का बहुत नुकसान भीं किया।

अब जो आंदोलन शुरू हुआ हैं, उसकी वजह हैं MSP और पेंशन सहायता, और अन्य भी कुछ मांगे हैं,जिसकी वजह से किसान लाखो की संख्या में सड़क पर उतरे हैं।  कहा जा रहा है की इस आंदोलन में कही छोटे बड़े संघटन शामिल हैं।

हरियाणा दिल्ली सीमा पर भारी तादाद में कंटेनर और रेतीले तार बिछाए गए हैं ताकी किसान दिल्ली में दाखिल न हो, साथ ही यूपी से लगी सीमा में  पोलिस प्रशासन का तगड़ा बंदोबस्त हैं।  बैरियर गेट, रेत की बोरिया, वॉटर  केनेन और क्रेन के जरिए किसानों को रोकने के लिए पुलिस नए नए पैथरे आजमा रही हैं। कहा तो यहां तक जा  रहा हैं,की 30 से 40 पैरामिल्टरी  छोटी मोटी टुकड़ियों को भी दिल्ली के आस पास तैनात किया गया है। सुरक्षा कर्मियों ने ड्रोन और बैंकर को भी दिल्ली सीमा में तैनात कर दिया हैं। ताकि किसान आंदोलन को दिल्ली के बाहर ही रोका जाए।

 

 

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