बिहार पॉलिटिक्स; मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कम नहीं हुईं नीतिश कुमार की मुश्किलें, दीपांकर भट्टाचार्य का ऐसा बयान की सत्ता पलट पर हो सकता है, बीजेपी का प्रयास.

बिहार पॉलिटिक्स में  इन दिनों  नीतीश कुमार को लेकर काफ़ी चर्चा हैं , NDA की मदद से बिहार में फिर एक बार। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो बन गए , लेकिन फिर भी उनकी मुश्किलें है, जो कम होने का नाम नहीं ले रही है, क्योंकि जब से बिहार में फ्लोर वोटिंग में नीतीश कुमार ने जीत हासिल की हैं, तब से तेजस्वी यादव के बाद एक नाम काफ़ी सुर्खियों दीपांकर भट्टाचार्य

 

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जो बिहार की राजनिति को लेकर चर्चा में हैं, नीतीश कुमार के साथ साथ अब पीएम मोदी पर भी उन्होंने आरोप लगाना शुरू कर दिया हैं, राजनीति में धर्म,जात, पंथ, समाज की अवहेलना करना मतलब राजनिति हैं, ऐसा कुछ लोग समझते हैं, जब की राजनीति कि भाषा तो धर्म, जात, पंथ, समाज ,से जुड़ी जरूर है लेकिन काफ़ी अलग हैं,

 कौन हैं दीपांकर भट्टाचार्य ?

अब दीपांकर भट्टाचार्य ने हिंदु मुस्लिम को लेकर पीएम मोदी पर आरोप लगाए हैं, पिछले सत्तर साल में   दीपांकर भट्टाचार्य को गरीबी नही दिखी, बिहार की हालत नही दिखी, बिहार में जो  दलितों आदिवासियों के साथ हुआ,लेकिन जब से केंद्र में और कुछ राज्यों में बीजेपी सरकार बहुमत से विजई हुई है ,तब से देश के कुछ नेताओं  को देश में गरीबी दिख रही हैं, जब की  पिछले सत्तर साल में बिहार तो अमेरिका से भी अमीर था, हर एक बिहारी इतने अमीर थे की 2014 तक वे राजाओं जैसा जीवन जीते थे ,लेकिन जब से बीजेपी ने नीतीश के साथ गठबंधन किया तब से बिहार का बेड़ा पार लगा ही नहीं, महज कुछ सालो में बिहार के लोग मजबूर हो गए, दूसरे राज्य में मजदूरी करने के लिए, बच्चो के भविष्य किए घर बार, गांव, परिवार छोड़ने के लिए ऐसा पिछले कई सालो से चलते आ रहा हैं,

 

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बड़ी बड़ी परीक्षाओं उच्च पद हासिल करने के बाद भी बिहार की इतनी खस्ता हालत हैं, की  भ्रष्टाचार के मामले में आए दिन बिहार में कुछ न कुछ होते रहता हैं, चाहे राजनितिक मामले हो याफिर धर्म का विरोध हो, मैट्रिक, 12 वी रिजल्ट में घोटाला तो बिहार की पहचान बन गई हैं, जब तक शिक्षा के नाम पर बवाल न हो परीक्षाओं में धांधली न हो, पेपर लीक न हो, बिहार सुर्खियो में नहीं आएगा , गरीबी, और रोजगार में तो बिहार सबसे टॉप रेटेड राज्य हैं, लेकिन आखिर में।  यह सब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा हैं, लेकिन फिर भी बिहार की राजनिति में सबको इंटरेस्ट हैं।

 बिहार में एक बार फिर सत्ता पलट

फिलहाल दीपांकर भट्टाचार्य बिहार की राजनितिक टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं, उन्होंने एक सभा मंच से” कहा की , बिहार की जनता गरीबी से त्रस्त है, राज्य में पिछड़ापन। ज्यादा हैं, चाहे शिक्षा हो, याफिर रोजगार हो,  दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा की भारत का संविधान खतरे में हैं, और हमे लोकतंत्र को बचाना चाहिए “खैर यह सब बाते तो पूरा  भारत जानता हैं, की कभी इतिहास में समृद्ध प्रदेश से बिहार की पहचान थी, लेकिन अब  बिहार के लोग खुद बिहार से पलायन कर रहे हैं, कारण तो बहुत हैं, जिसमे राज्य सरकार के साथ साथ जनता भीं उतनी ही जिम्मेदार हैं,जो अपने हक़ के लिए लड़ना भूल गई हैं।

 

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अब बिहार में लगातार 9 वी बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं, जिसमे NDA की मदद से तेजस्वी यादव का  मुख्यमंत्री बनने का सपना ..सपना ही रह गया और नीतीश कुमार पुनः मुख्यमंत्री बन गए।

अब बिहार में इस बार चुनावी माहौल गरमा गया हैं,जिसमे फिर एक बार बीजेपी ने कमान संभाली हैं,

इस बार लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जगह जगह चर्चा हैं प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की , और उनके पार्टियों के वरिष्ठ नेता की जो जगह जगह जाकर अपने पार्टी का प्रचार कर रहे हैं।

भारतीय राजनिति में मनुस्मृति का जिक्र ना हो ,तो राजनिति नही हो सकती, हर एक विपक्षी दल में ऐसा कोई न कोई नेता हैं जो हर एक सभा में  मनुस्मृति का ज़िक्र करता है,फिर चाहे चुनाव में उस बात का जवाब हो या न हो, साथ ही दीपांकर भट्टाचार्य ने संविधान को लेकर टिप्पणी की हैं।

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