लिथियम का मिला एक और खजाना …चीन की उडी नींद , चीनी बाज़ार में हडकमप .

हाल ही में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार से इलेक्ट्रिक सामान की आयात थोड़ी कम की हैं । इससे विदेशी बाजारों में खलबल उठ गई, क्युकी भारत का बाजार विदेशी व्यापारीयो के लिए किसी धन की तीजोरी से कम नहीं हैं । भारत का बढ़ता बाजार और भारतीय लोगो की डिमांड दिन ब दिन बढ़ती चली जा रही हैं । लोगो की यह मांग पुरी करने के लिएं, भारत सरकार हमेशा विदेशी आयात पर निर्भर थी । भले ही अपना ऑटोमोबाइल उद्योग पुरी दुनिया की जान हैं, लेकिन इस में लगने वाला कुछ पर्सेंट raw material China & Japan ,से आता  हैं और इसे भारत का पैसा दुसरे देशो  में जाता हैं और अभी  2023 में आपने सुना ही होगा की भारत के कुछ हिस्से में हमे यूरेनियम और लीथियम के भंडार मिले हैं ।

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इसमें भारतीय  लोगो की लॉटरी लागी  हैं यह कहना बिलकुल सही होगा , माइनिंग का काम पूरा हो हो रहा हैं और कुशियो की सौगात यह हैं की अभी हैदराबाद में लीथियम आयन की बैटरी का Production start हो गया हैं। यहा लगा हैं लीथियम आयन बैटरी बनाने का कारखाना, जो पूर्ती करेगा हमारे ऊर्जा की इन the form of lithium battery,

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आपको बता दें की , लीथियम बैटरी बनाने में जो raw material लगता है  अब वो भारत में ही बनेगा, क्योंकि, भारत चीन पर डिपेंड था लीथियम के लिए, लेकिन अभी जबसे लीथियम हमारे देश में ही मिला हैं तो हम , कुछ दिनों बाद चीन से आयात बंद कर देंगे , क्योंकि अब भारत के पास लिथियम हैं ही  और raw material हम  बनाते ही हैं, तो अब हम क्यों किसी पर डिपेंड रहे। भारत सरकार द्वारा उठाया यह क़दम भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को पूरा करेगा ।क्युकी  हर एक electric डिवाइस  में  लगाती हैं लीथियम चिप, और वो बनाएगा भारत अपने  Hyderabad कारखाने  में .अगेर  हमारी ज़रूरत पूरी होगी तो हम , लैपटॉप, मोबाइल फोन्स जैसे अनेक डिवाइस की मैन्युफैक्चरिंग कर सकेगे , और हमारा निर्यात इलेक्ट्रिक मार्केट में बढ़ाएंगे।

जब से यह न्यूज इंटरनेशनल होंगी तबसे इनका मार्केट down हो  गया हैं , क्युकी इससे पहले हम चीन से लगभग 18 प्रतिशत से भी ज्यादा इलेक्ट्रिक सामान का आयात करते थे , लेकिन अभि यह  आंकड़ा 0 प्रतिशत हो जाएगा ।

लिथियम आयन बैटरी का उपयोग सबसे  ज्यादा भारत करेगा e- vehicles में क्युकी भारत की यह पहल हैं की 2060 के पहले हमे any how SSD goal को  हासिल करना हैं। जिसमे 0 कार्बन उत्सर्जन का टार्गेट हैं। और इसके लिए सबसे बड़ा दांव भारत को खेलना पड़ेगा। और इस में हमारी उम्मीद को पूरा करेगा लीथियम बैट्री। इसका यूज होगा टू व्हीलर के साथ साथ advanced करो  में भी और  आपकी जानकारी के लिए, बता दे की हम हाइड्रोजन का यूज कर ही रहे हैं, और इथेनॉल का भी जो green हाउस gas को कण्ट्रोल  करेगा। लिथियम की खोज भारत के लिए मददगार साबित हुई है

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