उत्तर प्रदेश के बाद अगर किसी की नजर किसी राज्य पर हैं तो वह हैं महाराष्ट्र , जहां पर पांसा कभी भी पलट सकता हैं, लोकसभा चुनाव में इस बार महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ दो क्षेत्रीय पार्टियां गठबंधन में हैं । जिसमे शिंदे गट की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी साथ ही बीजेपी के साथ अब लोकसभा चुनाव को देखते महाराष्ट्र की एक ओर क्षेत्रीय पार्टी मनसे भी अब बीजेपी का साथ देते दिख रहीं हैं, जिसके प्रमूख हैं राज ठाकरे ।
अपने आप में राज ठाकरे महाराष्ट्र का जाना पहचाना चेहरा हैं, जो अपने तीखे तेवरों, और भाषणों को लेकर चर्चा में रहते हैं, अब राज साहब भी बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं, इस वजह से कुछ उत्तर भारतीय नाराज हैं, लेकिन जैसी छवी श्री राज ठाकरे की बनाई गई हैं, तस्वीर उल्टी हैं, मतलब मनसे की एक ही इच्छा हैं की महाराष्ट्र की संस्कृति का सभी आदर करे जैसे की महाराष्ट्र सबको एक परिवार की तरह देखता हैं, उधर शरद पवार का तर्क इस पर अलग हैं, आज कल शरद पवार और इंडिया एलायंस के साथ गठबंधन हैं ,और मंचो से भाषणबाजी शुरू है आज कल शरद पवार बीजेपी के साथ साथ राज ठाकरे का भी उल्लेख उनके भाषणों में हो रहा हैं, महाराष्ट्र की जनता के साथ साथ वह महाराष्ट्र में बसे बाकी राज्य के लोगों का वोट बटोरने के लिए, एक से बढकर एक जनसभा को संबोधित करते नजर आ रहे हैं,
शरद पवार ने फिलहाल कोंग्रेस का दामन थामा हैं, जब की कई बार वो कोंग्रेस के विरोध में भाषण करते दिखे हैं, जब अजीत पवार भी उनके साथ थे, एनसीपी छोड़ने के बाद अब अजीत पवार ने अपनी अलग पार्टी। बनाई हैं, जो की अभी बीजेपी और एकनाथ शिंदे के साथ हैं, फिलहाल बीजेपी के महाराष्ट्र की तीनों क्षेत्रीय पार्टियां हैं, जिसकी वजह से अब लोकसभा चुनाव के नतीजे सच में इंडिया एलायंस के लिए खतरे की निशानी साबित हों सकती हैं,
इस पर शरद पंवार ने बाकी राज्य की क्षेत्रीय पार्टिओ के साथ बातचीत करना शुरू कर दिया हैं, साथ ही चुनाव में जो भी निर्दलीय याफीर स्वतंत्र उम्मीदवार है उनको अपने में मिलने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि इंडिया एलायंस को लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हो, और बीजेपी के साथ साथ सभी बडी पार्टी का साथ उन्हे मिले।
लेकिन बात उत्तर भारत की हों याफीर दक्षिण भारत की हों, बीजेपी ने क्षेत्रीय पार्टिओ के साथ गढ़बंधन कर, सरकार बनाने की कोशिश में हैं, ताकि दक्षिण में भी बीजेपी कमल खिला सके और अपनी सरकार बना सके ।
फिलहाल बीजेपी ने दक्षिण भारत में योगी आदित्यनाथ को भी रैली करने के लिए कई बार भेजा,साथ ही तमिलनाडु में किसी भीं हालत में बीजेपी जितना चाहती है , इसके साथ ही केरल में भी इस बार बीजेपी अपना खाता खोलना चाहती हैं,
वही दूसरी ओर शरद पवार ने फिर एक बार ओवैसी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया हैं, ताकि कांग्रेस नही तो कम से कम उन्हे मुसलमानो का वोट मिले।
शरद पवार चाहते हैं, कैसे भी करके उन्हें महाराष्ट्र सहित बाकी राज्य की क्षेत्रीय पार्टि के साथ गठबंधन हो, और इंडिया एलायंस को उनकी साथ मिले।