श्रेयस तलपड़े की फिल्म कर्तम भुगतम ने उड़ाई सबकी नींद , ” जैसे कर्म वैसा फल ” की टैगलाइन में छुपा हैं हॉरर और सस्पेंस ?

श्रेयस तलपड़े की फिल्म कर्तम भुगतम ने उड़ाई सबकी नींद , ” जैसे कर्म वैसा फल ” की टैगलाइन में छुपा हैं हॉरर और सस्पेंस ?

यह एक सामाजिक ।फिल्म हैं, जिसमे हॉरर ,सस्पेंस पर कॉमेडी का तड़का लगाया गया हैं, बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक कहानी बनी जाती हैं, सस्पेंस थ्रिलर पर कॉमेडी को दर्शक ज्यादा पसंद करते हैं, साथ ही साथ सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी को दर्शक ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन सामाजिक एक ऐसा विषय हैं, जिसमे हर तरह के उम्र के दर्शक को गिना जाता हैं।

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इस बार लोकसभा चुनावों को लेकर कई सामाजिक फिल्मे सिनेमा घरों में रीलीज हो रही हैं, इसी में से एक नाम हैं “कार्तम भुगतम”

जिसमे श्रेयस तलपड़े ने मुख्य भूमिका निभाई हैं, श्रेयस के साथ साथ विजय राज, मधु और अक्षा की एक्टिंग की बहुत सराहना हो रही हैं, जैसा कि फिल्म के टीजर में दिखाया गया हैं।

कैसी हैं “कर्तम भूगतम ” की कहानी ?
फिल्म में कर्मकांड और अंध विश्वास को बेहरिन तरीके से दर्शाया गया हैं, ताकि समाज को जागृत करने के लिए एक अच्छा संदेश दिया जा सके ।

हमने हमेशा हमारे समाज में प्रचलित कई किस्से कहानियां सुनी हैं, किसी की जड़ लालच हैं, तो किसकी जड़ अविश्वास,
किसी किसी ने तो सच में ऐसी कहानी को जिया हैं,महसूस किया हैं, कुछ ऐसे ही कहानी फिल्म के डायरेक्टर ने बुनी हैं, धोखाधड़ी, अविश्वास के धागे कितने कच्चे हैं, और कितने मजबूत हैं फिल्म में दिखाया गया हैं।

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कहानी की शुरुआत न्यूज़ीलैंड में रहनेवाले एक युवा से होती हैं, नाम हैं देव जोशी।
जो अपनी पुश्तैनी मकान और जमीन बेचकर वापस विदेश लौट जाना चाहते हैं, दर असल देव के पिता की मौत के बाद देव भारत में स्थित अपनी प्रॉपर्टी बेचकर जमा पूंजी को इकठ्ठा करके वापस जाने का सोचते हैं, लेकिन उनके गांव।मौजूद एक तांत्रिक देव को वापस ना जाने की सलाह देते हैं, पहले तो देव तांत्रिक पर विश्वास नहीं करता, लेकिन जब उसके साथ पैसों को लेकर और पुश्तैनी जमीन को लेकर बुरी चीजे होनी लगती हैं, तब देव तांत्रिक के पास उपाय खोजने के लिए जाता हैं,

और यही से कहानी में एक से बढ़कर एक ट्विस्ट आने लगते हैं, इस तांत्रिक अन्ना के नए नए और भयानक उपाय देव की मुसीबतें बढ़ा देती हैं,

इस फिल्म में श्रेयस तलपड़े ने काफी अच्छी एक्टिंग की हैं, साथ ही विजय राज का किरदार में दिलचस्प हैं ,लेकिन फिल्म में कुछ बातो पर खांसा ध्यान नहीं दिया गया, कुछ जगह दर्शक नाखुश भी हैं,

क्या कहा दर्शकों ने फिल्म के बार में? कैसा हैं कर्ताम भुगतम का रिविव्यु?

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दर्शकों ने ज्यादातर फिल्म के बारे में अच्छा रेविव्यु ही दिया हैं, लेकिन फिल्म में कुछ बातो पर दर्शकों ने टिप्पणियां की हैं,जैसे की फिल्म को पर्दे पर उनते अच्छे नहीं दिखाया गया हैं, जैसे की फिल्म के तीसरे दिखाया गया था, फिल्म में तांत्रिक विजय राज का किरदार शुरुवात में अच्छा दिखाई देता हैं, फिल्म में उनकी एक्टिंग अच्छी हैं, लेकिन जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, वैसे वैसे उनका किरदार धुंधला दिखाई देता हैं, फिल्म में धैर्य शब्द बार बार दोहराया गया हैं, जिससे दर्शकों का इंटरेस्ट धीरे धीरे खत्म होता दिखता है,

फिल्म में एक डायलोग जो की फिल्म में नहीं होता तो, अच्छा होता,जैसे की विजय राज की पत्नी मधु, जो बार बार चाय पानी ले लिए पूछती रहती हैं, ठीक वैसे ही देव की पत्नी किया का बार बार वीडियो कॉल करना बड़ा ही बोरिंग लगता हैं।

इसमें कर्मकांड से लेकर सस्पेंस के साथ साथ साइकोलॉजिकल साइंसेज का तड़का लगाया गया हैं, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म को ज्यादा खींचा गया हैं।

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