Navratri 2023 Day 5 : पाचवे दिन की विशेषताए , कैसे पूजा पाठ करे ,स्कंदमाता कौन है ?

नवरात्रि के पांचवे दिन माता पार्वती का स्वरूप स्कंदमाता का पूजन किया जाता है। भगवान कार्तिकेय का नाम 5 नक्षत्र कन्याएं और माता के स्कन्द नाम से पड़ा हैं । और फिर बाद में माता पार्वती के इस रूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाने लगा ।

स्कंदमाता का स्वरूप कैसा  है ?

माता का आसान कमल हैं इसी वजह से उन्हें पद्मासना के नाम से भी पुकारा गया हैं और उमा नाम भी दिया गया हैं बाद में भगवान शिव को उमापति यह नाम मिला  माता के इस रूप को पुत्र प्रिय कहा गया हैं , जब माता के पुत्र कार्तिकेय का जन्म एक अग्नि स्वरूप के रूप में होता हैं तो दैत्य से बचाने के लिए देवी गंगा और अग्निदेव माता की मदद करते हैं और इस दिव्य अंश को वृचिका देवी के पास भेज देते हैं। जिनके नाम पर उनका नाम कार्तिकेय पड़ा । माता का वहां सिंह हैं और माता का यह रूप सूर्यमंडल को तेज प्रदान करता हैं।

माता स्कंदमाता की उपासना क्यू करनी चाहिए ?

देवी स्कंदमाता की उपासना से पुत्र प्राप्ति होती है और सुख शांति को यह रूप प्रदान करता हैं।

कैसे करे पूजा विधि ?

सुबह स्नान करने के बाद आप सफेद कपड़ा धारण करे । पोज्का के थाली में कुमकुम और माता का श्रृंगार की वस्तुएं जरूर रखे। माता को श्वेत वस्त्र अर्पण करना चाहिए और सफेद पुष्प अर्पित करें।

स्कंदमाता को कौन सा भोग लगाए ?

माता को खीर का भीग लगाए क्युकी माता को श्वेत रंग काफी प्रिय हैं इसलिए प्रसाद में भी उन्हें सफेद मिठाईया अर्पण करे। स्कंद माता को पुत्र प्रिय कहा जाता है क्युकी वो कार्तिकेय की मां हैं और माता पार्वती के इस स्वरूप को उमा के नाम से भी जाना जाता हैं। सुख शांति और समृद्धि से साथ साथ पुत्र प्राप्ति के लिए माता की पूजा की जाती हैं।

 

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