Atmanirbhar Bharat Abhiyan-आत्मनिर्भर भारत अभियान : उद्देश्य, मुख्या स्तंभ,लाभ, MSME की भूमिका और अभियान के तहत योजनाऐं

आत्मनिर्भर भारत अभियान” भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक पहल है जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को स्वतंत्र और स्थायी बनाना है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य देश में उत्पादन, निर्यात, और रोजगार को बढ़ावा देना है ताकि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

इस अभियान के अंतर्गत, विभिन्न क्षेत्रों में स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जैसे कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समर्थन, स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं, और नौसेना, वायुसेना, और सेना में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कदम। यह अभियान भारतीय जनता को सामृद्धि और स्वावलंबी बनाने का प्रयास है ताकि देश अपनी आत्मनिर्भरता में सफल हो सके।

आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य ?

“आत्मनिर्भर भारत अभियान” का मुख्य उद्देश्य भारत को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और स्थायी बनाना है। इस अभियान के माध्यम से सरकार ने देश को विभिन्न क्षेत्रों में स्वावलंबी बनाने के लिए कई पहलूओं पर काम किया है।

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आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य


 उद्यमिता को बढ़ावा:

अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है उद्यमिता को बढ़ावा देना और नए उद्यमियों को समर्थन प्रदान करना।



स्वतंत्र उत्पादन बढ़ावा:

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वतंत्र उत्पादन में वृद्धि करना, विदेशी आयात को कम करना, और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।


रोजगार का सृजन:

नौकरियों की सृजना में मदद करने के लिए स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना और लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना।



निर्भरता कमी करना:

भारत को विश्व बाजार में सकारात्मक रूप से प्रवेश करने के लिए अपनी निर्भरता कम करना और अपनी आत्मनिर्भरता में मजबूती बनाए रखना।

 

 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के मुख्या स्तंभ :-

“Aatmanirbhar Bharat Abhiyan” के तहत मुख्या 5 स्तंभ हैं जो देश को स्वावलंबी बनाने के लिए उठाए गए हैं। इन स्तंभों को यहां दिया गया है:

 

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आत्मनिर्भर भारत अभियान के मुख्या स्तंभ :-

 

अर्थव्यवस्था (Economy):

Atmanirbhar Bharat Abhiyaan के तहत देश की आर्थिक अर्थ व्यवस्था पर काफी ध्यान दिया गया है , रस अभियान का मुख्या उद्देश्य ही भारत की अर्थ व्यवश्ता को बढ़ाना है .

 

अवसंरचना (Infrastructure):

भारत के infrastructure को बढ़ावा ही देश के मजबूती होती है . जितना ज्यादा development उठाना ही बड़ी अर्थव्यस्था होगी  , ऐसी अवसंरचना जो आधुनिक भारत की पहचान बने;

 

प्रौद्योगिकी (Technolog): 

technology के समय के हिसाब से बहुत ही आवश्यक है , देश को फ़ास्ट फर्वोर्ड पर ले जाने के लिए technology development एक अहम् भूमिका निभाती है . जिससे देश के विस्तार में बहुत बड़ा योगदान रहता है .

 

गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography):

जो आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा का स्रोत है; 

 

मांग (Demand):

भारत की मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिये। जिससे उद्यमिता को बढ़ावा देने, नए उद्योग स्थापित करने और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जिससे मांग की पूर्ति की जा सके .



आत्मनिर्भर भारत अभियान में MSME की भूमिका क्या है ?

आत्मनिर्भर भारत अभियान में लघु और सूक्ष्म उद्यमिता (MSME) का महत्वपूर्ण योगदान है। इस अभियान में MSME को बढ़ावा देने का मुख्य उद्देश्य है देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना।

 

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आत्मनिर्भर भारत अभियान में MSME की भूमिका

 

रोजगार सृजन:

MSME सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता में से एक है। इससे नौकरियों की सृजना में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है, जो आत्मनिर्भरता में सहायक है।


स्वतंत्रता में सहायक:

MSME सेक्टर ने अपने स्वतंत्रता में सहायक होने के लिए आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों में बहुत बड़ा योगदान दिया है। यह स्वतंत्र रूप से उत्पादन करने में सक्षम है और विदेशी आयात को कम करने में मदद करता है।


उद्यमिता को समर्थन:

MSME सेक्टर को समर्थन प्रदान करने के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और तकनीकी समर्थन शामिल है।


स्वदेशी उत्पादन:

MSME उद्यमिता ने स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे देश की आर्थिक सुरक्षा में सहायकता हो रही है और अपनी आत्मनिर्भरता को बनाए रखने में मदद हो रही है।

MSME सेक्टर को बढ़ावा देने से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जिससे देश की आर्थिक विकास में सकारात्मक परिणाम हो रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत योजनाऐं

“Aatmanirbhar Bharat Abhiyan” के तहत कई योजनाएं शुरू की गई हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में स्वावलंबी बनाने और आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए हैं। यहां कुछ प्रमुख योजनाएं हैं:

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लाभ योजनाएं: इसमें विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने, स्वतंत्र उत्पादन को बढ़ावा देने, और रोजगार सृजन में सहायकता के लिए लाभ योजनाएं शामिल हैं।

  • आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: इसमें स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करने और रोजगार सृजन में मदद करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाएं शामिल हैं।

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा योजना: इसमें रक्षा सेक्टर में स्वतंत्रता बढ़ाने और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलूओं पर काम किया जा रहा है।

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: इसमें ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शामिल हैं।
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) स्कीम्स: किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्यों के माध्यम से समर्थित करने के लिए कई पाइलट स्कीमें शुरू की गई हैं।


इन योजनाओं के माध्यम से “आत्मनिर्भर भारत अभियान” ने विभिन्न क्षेत्रों में स्वावलंबी बनाने और देश को आर्थिक स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान से क्या लाभ हैं ?

 

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Benifits Of
Atmanirbhar Bharat
Abhiyaan

“Aatmanirbhar Bharat Abhiyan” के कई लाभ हैं जो देश को स्वावलंबी बनाने और आर्थिक सुरक्षा में सुधार करने में मदद कर रहे हैं:

  •  स्वतंत्र उत्पादन: यह अभियान विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र उत्पादन को बढ़ावा देने का माध्यम है, जिससे देश अपनी आवश्यकताओं का अधिक हिस्सा खुद ही उत्पन्न कर सकता है।

  • रोजगार सृजन: आत्मनिर्भर भारत अभियान से संबंधित पहलू में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जो उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं।

  • विदेशी आयात में कमी: स्वतंत्र उत्पादन के माध्यम से देश को विदेशी आयात में कमी हो रही है, जिससे विदेश से आने वाली खर्च कम हो रहा है और विदेशी मुद्रा रिजर्व्स में सुधार हो रहा है।

  • स्वतंत्रता में सुरक्षा: देश की आर्थिक स्वतंत्रता में सुरक्षा बढ़ा रही है, जो उसे आंतरिक और बाह्य आपातकालीन परिस्थितियों से मजबूती प्रदान कर रही है।

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्यों के माध्यम से समर्थित करने के लिए कई पाइलट स्कीमें शुरू की गई हैं, जिससे किसानों को अधिक मूल्य मिल सके।

    ये लाभ आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने और स्थायी विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

 

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