Site icon Taaza Suchana

Carbon dating  तकनीक क्या हैं , कार्बन डेटिंग की खोज किसने की थीं ? Carbon dating का Use कैसे किया जाता ?

IMG 20230819 233041

भारत का इतिहास और इसमें आधुनिक विज्ञान का साथ ।  कई नए पुराना मामले और इन मामलों को कुछ तकनीकी तरीके से सुलझाना यह मानो आजकल का दौर सा बन गया हैं। जो धर्म आस्था को नहीं  मानते वो विज्ञान की भाषा बोलते हैं तो उनको विज्ञान की ही भाषा में सबक सिखाना चाहिए। हमारे देश में एक कहावत हैं बड़ी ही famous ” जैसे को तैसा”  और वही आज धर्म को कहने वाले कर रहे हैं। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा हैं। और इस तरह की सच्चाई को सामने लाने के लिए एक तकनीक का ज़िक्र आज हर एक की जुबां पर हैं  One and only “Carbon dating” कुछ साल पहले श्री राम जन्मभूमि अयोध्या विवाद मामले में इस तकनीक का उपयोग किया गया था, और सत्य सबके सामने आया, की वहा मंदिर था ,जिसे तोड़ा गया और अवैध निर्माण किया गया।
अभी फिलहाल काशी के श्री विश्वनाथ  मंदिर के लिए भी ज्ञानवापी परिसर में इस “technology का उपयोग  हो रहा हैं । that is ”  Carbon dating ”

Carbon dating  तकनीक हैं क्या ?

किसी भी चीज में मौजूद कार्बनिक पदार्थो की आयु निकलना ही कार्बोन डेटिंग कहलाता जाता हैं। अगर किसी पत्थर में याफिर किसी भी सैंपल में कार्बन के अनु पाए जाते है, तो हम कार्बन डेटिंग के ज़रिए पता लगा सकते हैं, कि स्ट्रक्चर कितना पुराना हैं । लेकिन इसमें ट्विस्ट हैं की अगर मौजूद वस्तु में कार्बन नहीं है, तो फिर हम उसकी age नहीं पता कर  सकते।  इस तकनीक के सहारे. इसके लिए कार्बन होना ही जरुरी है .

सबसे पहले कार्बन डेटिंग की खोज किसने की थीं ? Who is the inventor of carbon dating ?

देश दुनिया में जाना माना नाम “शिकागो विश्वविद्यालय”।  और इसी में। स्टडी करने वाले “विलियर्ड लीबी” और उनके कुछ दोस्त। 1949 का साल इन लोगो के लिए बेहद खास रहा। और दुनिया में जन्म हुआ “रेडियो कार्बन डेटिंग टेक्नोलॉजी” का । इस काम के लिए इन लोगों को , “नोबेल प्राइज” दिया गया और पूरी दुनिया आज उनका आभार मानती हैं । सबसे पहले उन्होंने एक लकड़ी पर यह टेक्नो use की थीं, और परिणाम सफल साबित हुआ।

मज़े की बात यह है, की कार्बन 14 का रोल इस में बहुत महत्वपूर्ण हैं , जो सभी वस्तु में पाया जाता हैं। इसी के हेल्प से वस्तु की आयु का पता चल जाता हैं। इस रेडियोकार्बन 14 में होता हैं कार्बन का isotopes, जिसकी आयु होती हैं 5500 साल तक , इसे हम अनुमान लगा सकते हैं कि स्ट्रक्चर कितना पुराना हैं और इसकी करेंट आयु क्या है , लेकिन  structure अगर 5500 साल पुराना है तो उसकी थोड़ा मुश्किल हैं की कितना पुराना हों सकता हैं। शायद 6000 साल पुराना याफिर उससे भी ज्यादा। उदाहरण के लिए हम आपको सीधा ले चलते हैं “सोमनाथ मंदिर” में जहा का शिवलिंग लगभग 15000 साल से भीं पुराना हैं ।

 

Carbon dating का Use कैसे किया जाता ? और time कितना लागत हैं?

सबसे पहले तो structure के सैंपल लिए जाते sample , कुछ बड़े, कुछ भी छोटे तो कुछ मध्यम आकार के, फिर इसकी डेटिंग की जाती हैं की इसमें मौजूद कार्बन और उसका isotopes कितना पुराना हैं ।  यह प्रक्रिया जटिल जरूर हैं लेकिन time की  बात करे तो लगभग 2 से 3 सप्ताह में रिजल्ट सबके सामने आ हीं जाता हैं। यह थी जानकारी कार्बन डेटिंग के बारे में जिसे रेडियोकार्बन भी कह सकते हैं।

Exit mobile version