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Chandrayaan 3 : दुनिया में भारत की हुई वाहवाही – मून मिशन सफल हुआ .

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भारत का तीसरा मून मिसन लगभग डेढ़ महीने में 3 लाख km से ज्यादा का सफ़र  और वो भी सही सलामत  पार करना भारत के लिए गर्व की बात हैं,  यह काम इतना आसन नहीं था, सबकी नजर बस यही चाह रही थी की आगे क्या होगा,  सोचो की  इसरो का मन कहा होगा जब उन्होंने 2 बार असफलता झेली हो  और लास्ट में आखिर कार भारत के जनता को ऐसा तोउफा दिया की कोई भारतीय भूल नहीं पायेगा यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है ,

कही न कही यह साल हमारे लिए बहुत खास रहा हैं। लेकिन इस में भी,एक ट्विस्ट हैं  वो हैं lunar 25 , जो 21 अगस्त को crash हो गया , लेकिन यह डर इंडिया को भी था की  कही ऐसा न हो, क्युकी रूस हमसे टेक्नो में आगे हैं , तो थोड़ा दर तो लाजमी हैं , पर एक्यूरेट टाइम  सच्ची निष्ठा, बुलंद हौसले ने इसरो को इतना स्ट्रॉन्ग बनाया की  सीधा चांद पर जाने के बाद ही चंद्रयान ने दम लिया।

 

 चंद्रयान ३ का वजन कितना था ?

चंद्रयान 3 के  “पेलोड प्रोपल्शन मॉडल “weight हैं 2148 kg , और “लैंडर module विक्रम “weight हैं 26kg ,  इसी के  साथ चंद्रयान का “ह्रदय मतलब की प्रज्ञान रोवर का weight हैं 1752 kg, Total वजन की बात करे तो, 3900kg का भारी यह चंद्रयान 3 ने ऐसी उड़ान  LVM-3 से भरी की सारा देश आज खुशियां मना रही हैं।

प्रोपल्शन मॉडल मतलब की प्रणोदन मॉड्यूल ने चंद्रयान 3 के रोवर और लैंडर को चांद के सर्फेस तक पहुंचाया, वो भी 100km की ऊंचाई तक। इसके बाद लैंडर अलग हुआ इस मॉड्यूल से जिसका वजन हैं 2145 kg

चंद्रयान ३ में कितना इंधन भरा हुआ था

ISRO की  information की माने तो, इसमें 1696 kg fuel था।

चंद्रयान ३ क्या काम करेगा चन्द्रमा पर ?

चांद की मिट्टी, मतलब की सतह के सैंपल को इक्कठा करके ,और चांद पर जो प्लाज्मा हैं मतलब की आयन और इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी की जांच करना। और वहा जो भूकंप आते हैं उसकी तीव्रता की जांच करना।

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