Chhatisgarh: कौन है ईश्वर साहू , दंगाईयों ने की बेटे की हत्या, पांचवी पास पिता ने पहली बार लड़ा छत्तीसगढ़ से चुनाव दर्ज की जीत ?

इस बार विधानसभा चुनाव 2023 की बात करें तो काटे की टक्कर में भाजपा ने सबको चौकाया हैं राजस्थान , मध्य प्रदेश में भारी मतों से और बहुमत से मोदी सरकार ने एक बार फिर जीत दर्ज की हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में जीतना सबके लिए आश्चर्य की बात साबित हुई हैं क्युकी छत्तीसगढ़ में हमेशा कांग्रेस को बहुमत मिला है, पर इस बार यहां भी बीजेपी खाता खोलने में सफल रहीं बल्कि बहुमत हासिल करने में भीं कामयाब रही।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की बात करें तो यह का सियासती मुकाबला भाजपा के लिए आसान नहीं था छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीट्स हैं विधानसभा चुनाव की । जिसमे से बीजेपी ने 54 सीट्स पर जीत हासिल की हैं । लेकिन इन सभी चुनावी माहोल में एक विधानसभा सीट खासा चर्चा में रही।

कौन है ईश्वर साहू1
Ishwar Sahu

बेमेतरा जिले की साजा विधानसभा सीट,  यह सीट पिछले कही सालों से कांग्रेस का गढ़ माना जाता हैं। लेकिन इस बार यह भी बीजेपी ने अपना खाता खोल दिया और जीत दर्ज की। यहां के वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक रविन्द्र चौबे पिछले 8 साल से इस सीट पर जीत के साथ कब्जा जमाए बैठे थे लेकिन इस बार के चुनाव में एक पांचवी पास उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया ओर साजा विधानसभा सीट पर बीजेपी को भारी मतों से जीत मिली।

रविद्र चौबे को उस उम्मीदवार ने हराया जिसने अपने जीवन में पहली बार चुनाव लड़ा हैं , इस बात को लेकर कांग्रेस परेशान हैं तो बीजेपी जश्न मना रही हैं । साजा विधानसभा सीट से विजई हुए प्रत्याशी ईश्वर साहू ने दिग्गज कांग्रेसी नेता रविन्द्र चौबे को हराकर प्रदेश में बहुत सुर्खिया बटोरी हैं।

 

दंगाईयों ने क्यू ली थी ईश्वर साहू के बेटे की जान ?

दरअसल साजा विधानसभा में कुछ महीनो पहले एक दंगा हुआ जिसमे एक 3 लोगो की जान चली गईं। इसमें ईश्वर साहू के बेटे पर भी हमला हुआ था जिसमे उनकी मौत हो गई। इस दंगे के वजह से प्रदेश में पुलिस प्रशासन ने सक्ति से एक्शन लेना शुरू किया । लेकिन दंगे में हुए 3 लोगों की मौत ने लोगो के गुस्सा उमड़ गया इसको देखते हुए पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने का फैसला किया लेकिन ईश्वर साहू को बस न्याय चाहिए था। लोगो ने भी उनकी बहुत मदद की जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।

पेशे से ईश्वर साहू एक मजदूर हैं जो अपने बेटे की मौत कारण भीड़ को बताते हैं। कुछ महीनों पहले उन्हे बीजेपी की तरफ से चुनाव में उतरने को कहा गया । पहले तो उन्हें मना किया लेकिन बाद में उन्होने चुनाव लडना ठीक समझा और अभी वो साजा विधानसभा क्षेत्र से जीत के साथ जश्न मना रहे हैं।

इस सीट पर पीछले आठ साल से कांग्रेस का कब्ज़ा था लेकिन बीजेपी का यह दाव कांग्रेस को बहुत भरी पड़ा। वो भी एक साधारण मजदूर प्रत्यासी को टिकिट के जरिए मात खाकर। जिसे बीजेपी से टिकीट मिला और कांग्रेस का गढ़ बीजेपी के हाथ लग गया।

बीजेपी के कई नेता ईश्वर साहू को जीत की बधाई दे रहे हैं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव B.L. संतोष ने सोशल मीडिया की मदद से उन्हें बधाई दी है, जो की काफ़ी सुर्खिया बटोर रहा हैं।

 

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