Site icon Taaza Suchana

GPR technology क्या है ? GPR technology कैसे काम करता है .

IMG 20230820 001423

इन दिनों ज्ञानवापी परिसर में इस टेक्नोलॉजी  का यूज हो रहा हैं, यह पता लगाने की यह जमीन  के अंदर मंदिर था की नहीं।
फिलहाल यह case court में हैं। जिसकी तैहकिकात सर्वे टीम कर रही हैं। जब से ज्ञानवापी मुद्दा सामने आया तब से ASI के बाद  सबसे ज्यादा चर्चा एक शब्द वो हैं  GPR तकनीक।

What is “GPR technology”?

ASI की माने तो यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जो waves के  जरिया पता लगाने में सक्षम हैं की जमीन के अंदर क्या हैं। सीधी और आसान भाषा में कहे, तो जमीन के ऊपर मौजूद ढांचे को बिना एक खरोंच के भीं  मतलब की बिना उसको नुकसा पहुचाए यह तकनीक बता सकतीं हैं कि जमीन के अंदर उस ढांचे के नीचे क्या हैं GPR इतनी advanced technology हैं की यह आपको बता देगी की जमीन के अंदर प्लास्टिक, मेटल या फिर कंक्रीट से बनी चीजें हैं या नहीं।
GPR यानी की  ग्राउंड पेनिटरिंग रडार ,

GPR technology कैसे काम करता है ,

यह एक geophysical method है जो इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक तरंगों की हेल्प से काम करता हैं। यह एक प्रकार की Non destructive method हैं जो electromagnetic radiation का use करता है, जिसमे कुछ frequency तय की जाती हैं जो सिंगल भेजने का काम करती हैं जैसे “रेडियो waves and radio स्पेक्ट्रम” की तरह । जब हम इस device का उपयोग करते  हैं तो जो surface हैं  , किसी भी स्ट्रक्चर का या फिर उसके अंदर जो भी स्ट्रक्चर मौजूद हैं उससे यह GPR waves टकराते है और स्क्रीन पर वेव्स के जरिए एक आकृति डिजाइन करता है इस से पता चलता हैं की जमीन के अंदर क्या  हैं। GPR टेक्नोलॉजी exactly detect करता हैं कि स्ट्रक्चर कितना पुराना हैं और इसमें कार्बन डेटिंग की हेल्प भी ली जाती हैं। वैसे यह थोड़ी जटिल प्रोसेस हैं और रिजल्ट आने में थोड़ी देर लगती हैं।

इस टेक्नोलॉजी का उपयोग आज कल वाराणसी के ज्ञान वापी मस्जिद में किया जा रहा है इसके वजय से टेक्नोलॉजी हुत ही सुर्खियों में है , इस टेक्नोलॉजी का उपयोग इस लिए किया जा रहा है की वाराणसी में पिछले कई वर्ष से ज्ञान वापी मस्गिद का मुद्दा हल ही नही हो पा रहा , इसमे मुस्लिम पक्ष का कहना है की यह एक मस्जिद ही है पैर इसके ढाचे को देखकर बिलकुल ही नही लगता है इन्ही सब मामलो की वजह से डिस्ट्रिक कोर्ट ने इस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सही तरह से पता लगाया जा सके की क्या सच्चाई है – फ़िलहाल एन मामलो पर सुनवाई जरी है …..

Exit mobile version