INS महेंद्रगिरी की हुंकार से सात समंदर कापा चीन पकिस्तान ?

थल सेना के भारतीय वायुसेना की ताकद ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। और अब बारी इंडियन नेवी की  जिसमे शामिल होने वाली हैं P15 प्रोजेक्ट के अंतर्गत 7 सबमरीन , Ins कलवारी, आईएनएस सह्याद्रि के बाद अब शामिल हुआ हैं, आईएनएस महेंद्रगिरी। जिसकी पावर के आगे पाकिस्तान और चीन नरम पड  गए हैं , एडवांस टेक्नो से लैस यह  भारत का गौरव बढ़ाने के लिए सात समंदर में निगरानी और काउंटर अटैक के लिए बेस्ट पेशकश इंडियन नेवी के लिए।

मझगांव शिपयार्ड की मेहनत और रक्षा मंत्रालय की नायाब प्लानिंग का आउटपुट हैं आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत के बाद नेवी का बाहुबली आईएनएस महेंद्रगिरी , बेस्ट सेंसर, टेक्नो, स्टील कोटेड, मिसाइल लॉन्च पैड , सटीक निशाना और पूरी तरीके स्वदेशी निर्माण ,  उन्नत टेक्नोलॉजी का उपयोग  इसमें किया गया हैं, भारत का सकल्प था की हम किसी भी तरीके से अपने कांटिनल सराउंडिंग में उन्नत टेक्नोलॉजी और सुपर sonic weapon से  लैस युद्धपोत चाहिए । जिसके लिए 7 सब्मरिंस और कुछ युद्धपोत का निर्माण जरूरी हैं ।

Next Gen Technology1

मझगांव शिपयार्ड ने कई  सारे उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस पोत बनाए हैं, अब उनका टारगेट था की , एक ऐसा पोत तैयार करना जिसके बाद समंदर में, और हमारे एरिया में कोई विदेशी पैर ना मार सके, इस से पहले भी आईएनएस विक्रांत, कलवारी, आईएनएस सह्याद्रि,और आईएनएस वागुर भी नेवी के लिए तत्पर हैं , यह भी सुपरसोनिक मिसाइल दागने में कामयाब रहेंगे। वैसे ही अब हमारे पास ब्राम्होस के अलावा, नाग अग्नि मिसाईल के 7 version त्रिशूल मीडियम रेंज मीसाइल और उन्नत रडार हैं। जिसके चलते कोई भी समंदर में हमारे इलाके में घुसपैठ नहीं कर सकता।

Next Gen Technology2

पहले चीन और पाकिस्तान अपने बंदरों के द्वारा भारत के आस पास से गुजरते थे ,लेकिन जब से इंडियन नेवी ने एक से बढ़कर एक मिसाइल तैनात किए हैं तब से  समुद्र में शांति हैं। आपको बता दे की  A17 सब प्रोजेक्ट का यह आखरी नमूना हैं जिसे मझगाँव  शिपयार्ड ने बनाया हैं। इसकी साथ यह सेंसेटिव सेंसर से लैस हैं, Pm मोदी का ऐलान था की make in India our  made in India के  तहत हम युद्धपोत बनाए और इसके लिये P15 प्रोजेक्ट लाया गया और इसके सब प्रॉजेक्ट मतलब की ए17 के थ्रू मुंबई मझगांव शिपयार्ड ने चार युद्धपोत बनाके अपना टार्गेट पुरा किया है। अभी कोलकाता में भी बाकी के कुछ युद्धपोत बनाए जाने हैं। उड़ीसा में एक  पर्वत हैं जिसके नाम पर महेंद्रगिरी रखा गया है  ।

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