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Kantara 2: ऋषभ शेट्टी ने “कांतार -2 ” को लेकर दिया बड़ा अपडेट ,बजट , रिलीज़ डेट , कास्टिंग और बहुत कुछ ?

kantara 2

कांतारा का  सिकवल  मतलब की मोस्ट टैलेंटेड ऋषभ शेट्टी का आइकॉनिक प्रोजेक्ट जो अभी अपकमिंग होने वाला हैं जब इसका पहला पत्र था जो बना था 16 करोड़  मे  लेकिन इस बार इसका बजट बढ़ गया हैं, एक बार फिर ऋषभ शेट्टी आपको मिलेंगे इसी अंदाज में लेकिन इस फिल्म की स्टोरी आपको past में  लेकर जाने वाली हैं, जिसमे लीड रोल करेंगे ऋषभ शेट्टी  पर इनके अगेंस्ट एक्ट्रेस हेरोइन कौन होगी ,इसका कोई अता पता नहीं हैं,  अपने कॉन्सेप्ट को लेकर फिलहाल  फ़िलहाल मेकर्स चुप हैं, जो की सस्पेंस बना कर रख रहे हैं ।

कांतारा मूवी में फोकस था की जो आदिवासी लोग हैं, जंगल उबला घर हैं,लेकिन सरकार की पॉजिटिव रिस्पॉन्स इन लोगो तक नहीं पहुंचता और कुछ, लोग इसी बात का फायदा उठाकर ,अमीर बनते चले जाते हैं, गांव के भोले भाले लोगो को इसका कुछ भी नॉलेज नहीं होता। लेकिन ऋषभ शेट्टी ने इसे अच्छी तरीके से explain किया हैं , की समय के साथ हमे बदलना चाहिए, क्योंकि की जंगल जानवरो का भीं घर हैं। और  हमारी कुछ ऐसी परंपरा हैं जो जंगलों की सुरक्षा कर सकती हैं।

अभी आनेवाली फिल्म में , डायरेक्टर का पूरा फोकस पंजुर्ली देवता की कहानी पर होगा , मतलब की इनकी शुरुवात से लेकर सब कुछ, इस बार पूरी टीम नए कहानी के साथ बिल्कुल तयार की  हैं। 16 करोड़  की  बजट में बनीं यह फिल्म 368 करोड़ से  ज्यादा कमाई करने में कामयाब रही,और वर्ल्ड वाइड भी इसने अच्छा कलेक्शन किया। अब प्रिक्वल डिपेंड होगा भगवान पंजुर्ली देव पर।

इस बार फिल्म कि शूटिंग होगी मंगलौर में  पहले कंतरा की शूटिंग डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी के गांव कुंडापुरा,में ही हुईं थीं। कम vfx के साथ बनीं यह फिल्म लोगो को बहुत पसंद आई। सब कुछ ओरिजिनल इमेज के साथ और , नेचुरल एक्टिंग ने ऑडिएंस का दिल जीत लिया और ,एक पुरानी परंपरा को पूरी दुनिया के सामने ऐसे परोसा की लोग इसका सम्मान करने लगें।

पार्ट 2 पूरी तरीके से focused होगा,कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों के  बहुत ही प्रशिध त्यौहार  भूतकोला पर। जहा के आदिवासी और ग्रामीण लोग पूरी निष्टा के साथ पंजुर्ली भगवान और गुलिका देव की पूजा करतें हैं, इन्ही से रिलेटेड इस फिल्म की स्टोरी होंगी,जो बड़ी ही इंटरेस्टिंग होने वाली हैं। जब कर्नाटक में यह त्योहार मनाया जाता हैं तो कहते हैं, की जो नृतक पारंपरिक वेशभूषा के साथ नृत्य प्रस्तुत करते हैं,उनके अंदर भगवान का अंश होता हैं, वो जो कहते हैं उसको गांव वालिंको मानना पड़ता हैं। फिल्म।कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों पे  based हैं और यह की दो मुख्य भगवान पंजुर्ली और गुलिका देव हैं, जिनकी पूजा यहा  के लोग करते हैं।

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