पिछले कई सालों से मराठा आरक्षण की मांग महाराष्ट्र में उठ रही हैं जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया। इस बार 2024 में भी महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मुद्दा मराठा आरक्षण, औद्योगिक विकास, शिक्षा विभाग और कृषि से संबंधित योजनाएं होने वाला हैं .
जिसमे केंद्र द्वारा योजनाएं और किसान हितकारी कार्यक्रमों का निकल लगेगा। महाराष्ट्र में हर बार किसान आत्महत्या ,और गांवों का विकास सबसे बड़ी चुनौती हैं जिससे ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र परेशान रहता है। इस बार की सरकार ने महाराष्ट्र की जनता के लिए किए गए कामों को गिनवाने के लिए महाराष्ट्र के लोग तैयार हैं केवल कारखाने लगाने से और कुछ योजनाएं घोषित करने से पहले इसको सही तरीके से हितकारी बनाना जरूरी है।
इस बार विकास, शिक्षा, कृषि के साथ साथ आरक्षण का मुद्दा भी छाया हुआ हैं। आरक्षण की तेज मांग को लेकर पूरे राजनीतिक दलों में डर का माहोल हैं क्युकी महाराष्ट्र के ज्यादातर भागो में लोग सड़कों पर उतरे हैं और उनकी मांग हैं ओबीसी कोटा आरक्षण की कटौती करे और मराठा समाज को दे। अब इस पर महाराष्ट्र की राजनीति में उथल पुथल शुरू हो गई है। वही दूसरी ओर देखे तो ओबीसी बोर्ड और कुछ समितियां आरक्षण को लेकर बटवारा नहीं करना चाहती
इस पर देवेंद्र “फडणवीस ने कहा हैं की वो हर हालत में योग्य निर्णय लेने की कोशिश करेगें ” देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की हैं… आरक्षण और अन्य घटनाओं ने महाराष्ट्र की राजनीति की प्रभावित किया हैं कानून व्यवस्था को लेकर बाहरी निवेश को लेकर भी राज्य में कारोबार में भारी गिरावट आ सकती हैं। पिछले कही दिनो से मराठा आरक्षण को लेकर ओबीसी के कुछ समूह नाराज है और वे नही चाहते की ओबीसी आरक्षण कोटा से मराठा समाज को आरक्षण दिया जाए।
देवेंद्र फडणवीस का कहना हैं की चुनाव से पहले आरक्षण विवाद पर मुहर लगाई जाएगी. वही दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन के बारे में जो भी गलत और झूठी खबरे फेल रही है उस पर जनता विश्वास न करे क्युकी बीजेपी,अजीत पवार गुट और शिंदे गट में सबकुछ ठीक है। और तीनों पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए तैयार हैं।
2024 का चुनाव कहा से लड़ेंगे देवेंद्र फडणवीस?
गठबंधन सरकार में शिंदे गट ही मुंबई में अपनी सत्ता बनाएंगे ऐसा सबको विश्वास हैं। वही देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर नागपुर से चुना लड़ेंगे और मराठवाड़ा की कमान अजीत पवार गुट के हाथ में रहेगी।