शरद नवरात्रि के पावन पर्व किं शुरूवात हो चुकीं हैं, देश भर में यह उत्सव मनाया जा रहा है । आज हैं नवरात्रि का 3 रारा दिन देवी चंद्रघंटा को माना जाता हैं।
क्या हैं नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्त्व ?
मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप देवी चंद्रघंटा को कहा जाता हैं। शांत स्वभाव और सुख शांति के लिए माता की आराधना समस्त भक्त करते हैं।
चंद्रघंटा का अर्थ क्या हैं और यह नाम कैसे पड़ा ?
सदा शांत और तेजस्वी मतलब की चंद्रघंटा और यह नाम इसलिए पड़ा क्युकी माता के मस्तक पर जो मुकुट हैं उसका आकार अर्धचंद्र और घंटी की तरह है इस लिएं माता रानी का यह स्वरूप चंद्रघंटा के नाम से विख्यात हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन का रंग कौन सा है?
इस बार तीसरे दिन का शुभ रंग लाल है शास्त्रों की बात करे तो यह स्वरूप भव्य दिव्य के साथ साथ कल्याणकारी हैं और
माता की पूजा करने से जीवन में कल्याणकारी और शुभ घटनाएं होती हैं। लेकिन पूजा कोई भीं ही आपको पूरी निष्ठा से और विधि विधान से करना चाहिए।
कैसा हैं माता चंद्रघंटा का स्वरूप?
सौम्य और शांत तथा कल्याणकारी माता के गुण हैं और 10 भुजा धारी माता चंद्रघंटा किं सवारी शेर है। दस हाथो में कमल, कमंडल, त्रिशूल, चक्र, शंख के साथ साथ तलवार भी हैं। जिसे नारीशक्ति का तेजस्वी स्वरूप दिखता हैं लेकिन माता रानी के इस स्वरूप में उनके माथे पर अर्धचंद्र विराजमान हैं जो बाकी स्वरूप में नहीं दिखता। श्वेत पुष्प की माला धारण कर तेजस्वी मुकुट सिर पर विराजमान हैं।
नवरात्रि में कैसे करे माता चंद्रघंटा की पूजा?
मान्यता हैं की माता पार्वती का यह दिव्य स्वरूप शांति और कल्याण का प्रतीक हैं । जिससे आपके जीवन में शांति और कल्याण बना रहेगा, मातारानी की पूजा करने के लिए आप दूध का अभिषेक जरूर करे और सफ़ेद पुष्पों की माला जरूर अर्पण करे।
नवरात्रि में माता चन्द्रघंटा पूजा विधि कैसे करे?
पहले तो सुबह प्रात काल में स्नान करके शांत मन से माता की नाम जप करें। पूजा की थाली में पुष्प, कुमकुम, हल्दी के साथ साथ अक्षिद मातारानी की अर्पण करे। पूजा में शंख और घंटी जरूर बजाए माता के इस दिव्य स्वरूप की आरती उतारे। मातारानी को भोग लगाए और दुर्गा सप्तशती पाठ का करे।
माँ चंद्रघंटा माता का शुभ रंग कौन सा है?
इस दिव्य स्वरूप का शुभ रंग सुनहरा पीला रंग हैं ।
देवी चंद्रघंटा को कौन सा पुष्प अर्पित करें?
पुराण और ग्रंथो की माने तो देवी चंद्रघंटा को सफेद पुष्प जरूर चढ़ाए जिसमे श्वेत कमल और पीला गुलाब को मान्यता है।
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