Territory Marathi Movie : कब रिलीज़ हो रही ,क्या है कहानी , स्टार कास्ट – संदीप कुल्करानी , किशोर कदम

Audience को Bollywood से ज्यादा अब रिजनल फिल्म इंडस्ट्री अच्छी लगने लगी हैं. चाहे साऊथ हो या फिर , नॉर्थ का कुछ ओरिजिनल कंटेंट  पहले बॉलिवूड ने भर भर के लोगो को entertainment दिया  , मगर लोग  अब  बोर हो गये जब एक ही types की काहानिया… सिनेमा घरों मे realized होने  लगती है . लेकीन अभी इस मे बाजी   मारी हैं, कूछ regional फिल्मों ने , our इसका सिधा फायदा हुआ OTT  प्लेटफार्म का  . ऐसे ही एक मराठी फिल्म का टीझर लोगो को बहुत पसंद आ रहा हैं. जिसकी कहाणी की सुरुवात  Maharashtra के विदर्भा से  सचिन श्रीराम के निर्देशन मे बनी यह फिल्म… अनेक फिल्म फेस्टिवल मे प्रदर्शित हो गयी हैं. और दर्शकों का पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलने के बाद अब इसका टीजर रिलीज हो गया हैं। जिसका नाम हैं “टेरिटरी”। Development के नाम पर, विदर्भ के जंगलों में वन्य जीवों की हालत बहुत खराब हो गईं हैं । अवैध तस्करी और  जानवरो की तस्करी यह बढ़ गई हैं। और इस फिल्म में डेवलपमेंट के नाम पर वन्य जीवों का जीवन कैसे संकट में आता हैं इसकी कहानी बताई गई हैं।

साथ ही साथ इन वनों में अभी आदिवासी हलचल कम  हो गई हैं लोग गावों में बस गए हैं, जब कुछ लोग जंगलों में रहते थे यफीर उसके आसपास के इलाके में रहते थे,तो यहां तस्करी करना मुश्किल होता था मगर अभी यह काम बड़ी ही चालाकी से किया जाता हैं। बाघ, तेंदुए की संख्या विदर्भ में घट गई हैं कारण हैं अवैध निर्माण कार्य, तस्करी घुसपैठ और जानवरो का अवैध व्यापार।

इन सभी चिजों से प्रकृति का बैलेंस बिगाड़ रहा हैं । इसकी वजह से समय पर न तो बरसात हो रही हैं और न खेती के लिए अनुकूल पानी उपलब्ध हैं। वनों की कटाई, और यह वहा घूमते जानवर स्थानीय लोगों के लिए कितनी मुसीबतें खड़ी करते हैं इसका दृश्य इस मूवी में दिखाया गया हैं। इस फ़िल्म को कई  फेस्टिवल में दिखाया गया हैं । लीड रोल में मराठी सिनेमा के धूरंदर ऐक्टर संदीप कुलकर्णी, किशोर कदम की जबरदस्त एक्टिंग इसमें दिखेंगी।

भारत का “टाइगर प्रोजेक्ट” पूरे दुनियां में सम्मान के लायक साबित हुआ और इसके जरिए हमने टाइगर्स की संख्या भी बढ़ाई। जिससे की नेचर का बैलेंस बना रहे World tiger day के  मौके पर “वन और सांस्कृतिक कार्य मंत्री श्री सुधीर मुनगंटीवार ” इनके जरिए इस फ़िल्म का पोस्टर लांच किया गया था।

महाराष्ट्र के विदर्भ का डेवलपमेंट जरूरी हैं पर इसके साथ साथ जानवरो खयाल रखना भी कितना जरूरी हैं यह इस फिल्म में दिखाया गया हैं। हमेशा जंगली जानवर इंसानी बस्तीतो पर हमले कर देते हैं पर इसके पीछे के कारण क्या हैं अगर यह देखना हैं तो आपको इस फिल्म की स्टोरी समझना  पड़ेगा।

अभी तक यह फ़िल्म कोलकाता फिल्म festival, गंगटोक international फिल्म फेस्टिवल, ग्रीन अकादमी अवार्ड,गोल्डन फार्म फिल्म फेस्टिवल, ऐसे बहुत से फिल्म फेस्टिवल में यह फिल्म दिखाई गई हैं । इसी के साथ , meta film festival  दुबई, में भी इस फिल्म को बहुत सम्मान मिला। फ्रांश  फिल्म फेस्टिवल मार्केट, में तो तालियों के आवाजे रुकने का नाम ही नही ले रही थीं , ठीक ऐसा ही रिस्पॉन्स मिला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल पुणे में भी। यश पगारे का म्यूजिक , मयूर हरदास का संकलन और दमदार अभिनय से सजी यह फिल्म सितम्बर तक थिएटर में आएगी । इसकी कहानी सुरु  होती हैं नरभक्षी बाघ के जंगल से गायब होने के बाद, जो भयानक तरीके से लोगों का शिकार करता हैं । यह एक एक्शन  थ्रीलर मूवी हैं जिसमे गांव वालों का संघर्ष दिखाया गया हैं ।

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