भारत मार्ट प्रॉजेक्ट क्या हैं जिसके कारण उड़ी चीन की नींद, अरब देशों में भारत की नई पहल ?

भारत मार्ट प्रॉजेक्ट क्या हैं

भारत सरकार की नई नई योजनाएं और कार्यक्रम देश दुनिया में काफी सुर्खियां बटोर रही हैं, भारत दिन ब दिन नई विकास की सीढ़ियां चढ़ते जा रहा हैं, अब भारत का लक्ष  हैं की वह 5 ट्राइलियंस डॉलर्स से ज्यादा की अर्थव्यवस्था बने फिलहाल भारत इस मामले में 4 स्थान पर आनेवाला हैं, 2026 तक भारत को यह मुकाम हासिल करना हैं,

जिसके लिए घरेलू आर्थिक ढांचा मजबूत करना होगा, साथ ही देश दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर हमे विदेशी मदद की ज़रूरत भी हैं, और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर वार्तालाप करना और बाहरी देशों से सहयोग भी आवश्यक हैं,इसके लिए भारत का विदेश मंत्रालय हर हाल में यूरोप से लेकर अरब देशों से अपने संबंध मजबूत करना चाहता हैं, व्यापार में साझेदारी हो याफिर सांस्कृतिक रिश्ते हों भारत हर हालत में अपने आप को विकास की रह पर ले जाना चाहता हैं, और दुनिया में फिर एक बार भारतीय  तिरंगे को स्वाभिमान से ऊंचाई तक पहुंचना चाहता हैं.

हाल फिलहाल में अमेरिका के बाद अब अरब देश में सांस्कृतिक संबंध मजबूत करने के लिए भारत ने फिर एक बार आस्था का रास्ता अपनाया हैं, अबू धाबी में शानदार  मंदिर का निर्माण करने से दोनों देशों के रिश्ते में सुधार आया हैं, साथ ही व्यापारी वर्ग भी भारत के इस कदम से काफी खुश हैं।

 देश दुनिया में भारत का “मार्ट प्रॉजेक्ट” सुर्खियो में है, आखिर क्या हैं इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य? और उसे भारत समेत कौन से देशों को क्या फायदा होगा?

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब दुबई एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे तब उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख किया था,जिसमे उन्होंने भारत के तमाम युवाओं को व्यापार की और बढ़ने की और बिसनेस हब में अपने कौशल को आजमाने को लेकर चर्चा की, साथ ही उन्होने दुबई के साथ मार्ट प्रॉजेक्ट को भी युवाओं से बातचीत की. मार्ट प्रॉजेक्ट के जरिए  आत्मनिर्भर भारत योजना को बढ़ावा मिलेगा. आत्मनिर्भर भारत के लिए मार्ट प्रॉजेक्ट उम्मीद की नई विकास किरण लेकर आया हैं,जिसके जरिए MSME कंपनियों को अंतर राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनो पहले सयुक्त अरब अमीरात में दो दिवसीय दौरे पर गए थे, जहा उन्होंने हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया और यूएई के प्रधान मंत्री से मुलाकात की,साथ ही अपने भाषण उन्होंने भारत मार्ट प्रॉजेक्ट को लेकर आधारशिला रखी और अंतर राष्ट्रीय बाजार में हलचल मच गई, भारत दुनिया का बढ़ता बाजार हैं, साथ ही दुनिया का सबसे युवा देश और अरब देशो में भारतीय पेशेवर लोगों की हर प्रोजेक्ट्स को लेकर जरूरत हैं,

चाहे इंफ्रा हो याफिर टेक्नो हों, इसलिए हर हालत में अरब देश चाहते हैं की भारत के साथ हर एक व्यापार में वह भागीदार बनें. जिसकी शुरुवात अबू धाबी में मंदिर उद्घटन के शुभारंभ से हुआ है।

भारत ने दुबई में भारत मार्ट को लेकर घोषणा की हैं, अब भारतीय MSME कम्पनी भी अरब देशों में व्यापार कर पाएगी और अपने प्रोडक्ट्स बेच पाएगी, भारत मार्ट के जरिए भारतीय स्वदेशी कंपनियों की पहुंच अंतर राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच को आसान बना देगी, भारत का मार्ट प्रॉजेक्ट 2026 तक दुबई में बनकर तैयार हो जाएगा।

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क्या हैं भारत मार्ट प्रॉजेक्ट – जो तैयार होगा 2026 तक?


आत्मनिर्भर भारत के लिए यह मार्ट प्रॉजेक्ट मिल का पत्थर साबित होगा क्युकी भारतीय MSME कंपनियों को अंतर राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने  के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद मददगार साबित होने वाला हैं, 2026 तक यह प्रौजेक्ट तैयार होगा और विदेश मंत्रालय की पहल के जरिए नए स्टार्ट अप और MSME कंपनियों को खाडी,देशों के। साथ साथ यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और मध्य एशिया के साथ व्यापार करने का मौका भी मिलेगा. भारत मार्ट प्रॉजेक्ट एक पहल हैं जिसके जरिए MSME उद्यम अपने प्रोडक्ट्स अंतर राष्ट्रीय बाजार में बेच सकते है, मतलब की यह एक तरह का मंच हैं ,जो विदेशी बाजारों में भारत की निर्यात को बढ़ावा देगा और आत्मनिर्भर पहल को और भी सफल साबित करेगा.

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत मार्ट की आधारशिला रखी हैं, जिसका काम अबू धाबी के बंदरगाह, जेबर अली के पास शुरु हो गया हैं, कहा भारत अपने प्रोडस्ट्स का स्टोरेज जमा करेगा और जिसमे गोदाम,
शोरूम्स, आफिस का निर्माण कार्य 2025 तक पूरा होगा.

इसकी वजह से भारत यूएई के व्यापारी संबध भी मजबूत होंगे,और द्विपक्षीय व्यापार संबंधी मामलों में उछाल आयेगा,साथ ही लॉजिस्टिक्स की बात करें याफीर आयात निर्यात की बात करें तो उसमे भी दोनो देशों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
भारत के मार्ट प्रॉजेक्ट की वजह से MSME कंपनियों की पहुंच तमाम बड़े व्यापारी तक सरलता से होगी और अंतर राष्ट्रीय खरीददार तक भारतीय प्रोडक्ट्स पहुचेंगे।

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भारत मार्ट की वजह से MSME उद्यम की पहुंच  पश्चिम से लेकर यूरेशिया और मध्य एशिया तक पहुंचेगी ?

भारतीय निर्यात बढ़ाने के लिएं भारत सरकार जी जान से मेहनत कर रही हैं, बढ़ती जरुरते और दुनिया में उभारती अर्थव्यवस्था की कतार में अगर भारत को अपनी जगह मजबूत करना हैं, तो अंतर राष्ट्रीय बाजार में पकड़ और निवेश करना जरूरी हैं, साथ ही दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डालना भी भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा, इसी वजह से भारत अब कई दिग्गज देशों के साथ व्यापार बढ़ाना चाहता हैं, साथ ही भारतीय बाजार भी विदेशो को आकर्षित कर रहा हैं,

जिसके लिए भारत कई देशों के साथ MoU के जरिए आयत निर्यात पर जोर दे रहा हैं। भारत मार्ट के जरिए भारत। अपनी निर्यात  बढ़ा सकता है, जिस की वजह से भारतीय दुकानें, शो रूम्स विदेशो में अपने प्रोडस्ट्स बेच पाएगी, साथ ही भारत का निर्यात भी बढ़ेगा और विदेशी खरीद दारो तक भारतीय प्रोडक्ट्स की पहुंच सरल होगी.


इस मार्ट के जरिए दुनियां के कोने कोने तक भारत अपना सामान बेच पाएगा,जिसके लिए MSME को हर हाल में भारत अंतर राष्ट्रीय स्तर पर प्रेजेंट कर रहा हैं, मार्ट भारत एक ऐसा मंच हैं, जी MSME उद्यम को बढ़ावा देगा साथ ही नए नए स्टार्ट अप को भी नई उम्मीद से व्यापार सहयोग देगा।


मार्ट भारत के जरिए पश्चिम से मध्य एशिया और यूरेशिया तक भारत की पहुंच मजबूत होगी, अरब देशों के बाद अब भारत का फोकस, रशिया, मध्य एशिया, साउथ अफ्रीका, पूर्व और दक्षिण एशिया के कुछ देशों में साथ व्यापार बढ़ाना चाहता है जिसके लिए भारत के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर कड़ी मेहनत करते दिख रहे हैं, अंतर राष्ट्रीय संबध सुधारने में इनका योगदान काबिल ए तारीफ़ हैं।

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भारत मार्ट प्रॉजेक्ट की वजह से चीन क्यों हैं परेशान ?


इलेक्ट्रिक बाजार हो या फिर, टेक्नो, इंफ्रा हो चीन का मुकाबला करना किसी चैलेंज से कम नही हैं, चीन ने अपने आप को काफी विकसित किया हैं, देश दुनिया की तमाम बड़ी कम्पनी को न सिर्फ उसने आमंत्रित किया बल्कि कम से कम कीमत में अपनी जमीन किराए पर दी,जीसकी वजह से दुनियां की तमाम बड़ी कम्पनी या चीन में अपना  निर्माण  करने लगीं, और नियम शर्तों के जरिए रोजगार चिनियो को ही मिला, लेकिन जब से भारत ने अपनी व्यापारी कूटनीति बदली तब से चीन का हाल बेहाल होता जा रहा हैं, हालाकि भारत का व्यापार भी चीन  से काफी पुराना हैं, और बाकी देशों की तुलना मे अरबों डॉलर से भी ज्यादा की आयात निर्यात हैं,।

लेकिन पिछले कुछ सालों से जमीनी विवाद और अंतर राष्ट्रीय संबध को लेकर थोड़ी बहुत कड़वाहट दोनों देशों के बीच चल रही हैं,और इसी बीच अब खड़ी देशों में भारत का व्यापार बढ़ रहा हैं, नए नए प्रोजेक्ट्स को लेकर भारत दुनियां भर के। देशों के साथ  व्यापारी समझौता कर रहा हैं, तो दूसरी तरफ़ चीन से  बडी संख्या में कम्पनीया भारत में बस रहीं हैं, और हालही में भारत मार्ट के।जरिए चीन को और एक झटका लगा हैं, यूएई में भारत मार्ट 2025 तक बनकर तैयार होगा, जिसमे भारतीय प्रोडक्ट्स की पहुंच मजबूत होगी।

यूएई में चीन का ड्रैगन मार्ट भी हैं, जिसकी दूसरी शाखा भी जल्द बनकर तैयार होगी, लेकीन भारतीय प्रोडक्ट्स चीन की तुलना में अधिक बेहतर साबित हुए हैं, जिसकी वजह से चीन की टेंशन बढ़ गई हैं, अब चीनी कम्पनी को डर हैं की भारत अगर ऐसे ही मार्ट प्रॉजेक्ट दुबई से लेकर दुनिया में। खोलते रहेगा तो चीन का  ड्रैगन मार्ट इसका मुकाबला कैसे करेगा, भलेही चीन अपने प्रोडक्ट्स भारतीय प्रोडक्ट्स के मुकाबले सस्ते बेचे,लेकिन गारंटी की बात हों तो, भारत के प्रोडक्ट चीन से बेहतर साबित होंगे. इसी बात का टेंशन चीन को सता रहा हैं, साथ ही चीन के रिश्ते ताइवान, फिलिपिंस से बहुत खराब हैं, अब भारत वहा भी अपने मार्ट प्रॉजेक्ट खोलने की सोच रहा हैं ।

क्या होगा भारत मार्ट प्रॉजेक्ट में?

इस प्रोजेक्ट्स के जरिए भारत विदेशो में।अपने रीटेल शॉप्स खोलेगा,साथ ही गोडाउन, शो रूम्स, होटल्स, थिएटर्स, चिल्ड्रन पार्क, स्ट्रीट फूड गलियारे, शमिल हैं।

 

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