Bihar Politics : लल्लन सिंह ने बढ़ाई नितीश कुमार की मुसीबतें जेडीयू से दिया इस्तीफ़ा ?

लोकसभा चुनाव धीरे धीरे नजदीक आ रहा हैं इस समय सभी पार्टियों के प्रभारी अपनी जगह पक्की करने के लिए चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए जी जान से तैयारी कर रहे हैं। बात अगर बिहार की करे तो इस बार लोकसभा चुनावों से पहले बिहार की सरकार कुछ ज्यादा ही चर्चा में रही हैं चाहे नीतीश कुमार के जनसंख्या नियंत्रण के ऊपर दिए अभद्र भाषण को लेकर हो, याफिर बिहार राज्य की जातीय जनगणना को लेकर हो , बिहार सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना करने के बाद मीडिया के सामने काफी बहस बाज़ी करते नजर आए।

वही विपक्ष के बीजेपी के कुछ प्रभारी मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में बिहार के इस काम को लेकर अपील दायर की हैं , इसमें यह तर्क रखा गया की जातीय जनगणना करने का अधिकार केवल चुनाव आयोग को हैं , चुनाव आयोग के कहने के बाद राज्य को यह विशेष अधिकार शायद दिया जाए लेकिन बिहार राज्य सरकार ने अपने ही मन से राज्य में चुनाव जीतने के लिए यह काम किया हैं और समाज को फिर एक बार जाती में बाटने का काम किया हैं।

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वहीं बिहार की विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर महिला विधायक के आगे अभद्र टिप्पणी की हैं जिसका विरोध वहा के विपक्ष ने किया था , जेडीयू के महिला विधायक भी अपने ही पार्टी की मुख्य्मंत्री के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुई थी, हालाकि नीतीश ने इस बयान पर माफी मांगी थी लेकिन उनकी माफी जनता को रास नहीं आई और नीतीश कुमार के 5 साल के कार्यकाल को देखकर अब बिहार में जनता सरकार को स्टैंड बाय रखने के मूड में दिख रही हैं।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर भी चुनावी माहौल गरमा गया हैं । बिहार सरकार राज्य में विकास कार्य को लेकर घिर गई हैं , पिछले पांच सालों की बात हो याफिर बात 1947 की बात ही बिहार की तस्वीर कुछ खास बदली नही हैं इसका कारण हैं वहा होने वाला, भ्रष्टाचार और विकास कार्य को लेकर धांधली , हमेशा बिहार का सेकंडरी और हायर सेकेण्डरी रिजल्ट सुर्खिया बटोरता हैं जिसमे एक से बढ़कर एक घोटाले सामने आते रहते हैं।

ज्यादातर बिहारी काम के तलाश में बाहरी राज्य में जाते हैं क्युकी बिहार में बाकी राज्य की तुलना मे राज्य सरकार इतना अच्छा काम नही कर पाई हैं। यूपीएसएसी रिजल्ट से लेकर चुनावी माहौल तक छाए रहना बिहार की खासियत है लेकिन जैसे ही वह यह सब थम सा जाता हैं फिर वही गरीबी बिहार में दिख ने लगती हैं।

इस बार 2024 में इन्ही हालातो की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता बढ़ गई है। पार्टी के बड़े नेता लल्लन सिंह ने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है जिससे अब जेडीयू पार्टी की सारी जिम्मेदारी नीतीश कुमार के सिर पर आ गई हैं।

इस बार 2024 में इन्ही हालातो की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता बढ़ी

इसकी वजह यह भी बताई जा रही हैं, की नीतीश कुमार इंडिया एलायंस की मदद से फिर एक बार चुनाव जीतना चाहते हैं , इसे से पहले भी नीतीश कुमार ने बीजेपी की मदद से चुनाव जीता था लेकिन इनका गठबंधन जल्दी ही टूट गया और नीतीश ने अकेले ही सरकार संभाली लेकिन अभी बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखे तो जेडीयू की मुसीबत बढ़ गई हैं पार्टी के प्रमुख नेता अब इंडिया एलियंस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं तो कोई समर्थन में अपनी बात रख रहे हैं ,वही अब लल्लन सिंह ने जेडीयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार की बड़ा झटका दिया हैं।

 

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