CAA  और मोदी सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे, साउथ के एक्टर विजय थलापति, तमिलनाडु सरकार से किया निवेदन ” कहा नहीं लागू होगा CAA।

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CAA मतलब की नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अब दक्षिण भारत के फिल्म एक्टर विजय थलापति ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी और विरोध किया है,उनका कहना हैं की वह तमिलनाडु सरकार से कहेंगे की राज्य में CAA लागू नहीं होने देंगे।

कुछ दिनो पहले ही विजय थलापाती ने अपनी एक पार्टी का गठन किया हैं, जिसके जरिए वह CAA कानून के खिलाफ नारेबाजी और बयान बाजी कर रहे हैं।

हाल फिलहाल में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को पारित कर दिया हैं, जिससे की अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे पीड़ित हिंदू,जैन बौद्ध लोगो को भारत में शरण दी जाएगी, जिसके चलते ईसाई और मुस्लिम समाज के कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इसमें मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगोंको  लगा रहा हैं की उनकी नागरिकता भारत से खतम  हो जाएगी और उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी, अगर आप कानूनी ड्राफ्ट को पढ़ेंगे तो इसमें ऐसे कुछ नही लिखा हैं, जो भारत के मुस्लमान हैं वह भारत में ही रहेंगे, लेकिन जो अवैध घुसपैठिया हैं, जैसे की बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध तरीके से भारत में घुसे हैं उनकी अपने अपने देश जाना पड़ेगा,इसके लिए उन्हें कुछ दस्तावेज को सरकार के आगे प्रस्तुत करना पड़ेगा।

CAA मतलब की सिटीजन अमेडमेंट एक्ट चार साल पहले ही, सांसद से पास किया गया था,अब इस लागू किया जा रहा हैं, भारत सरकार का रुख साफ हैं, जो पूर्वोत्तर राज्य हैं वहा रोहिंग्याई और बाहरी अवैध लोगोंकी तादाद ज्यादा है, जो भारत के नकली आधार कार्ड पर जाली दस्तावेज बनाकर रह रहे हैं, इन पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार मिलकर को मिलकर काम करने की ठानी है।

क्या होगा भारत की जनता पर CAA का असर ?

भारत सरकार ने पहले ही कहा हैं, जो भारत की जनता हैं उन्हें इस कानून से कोई नुकसान नहीं होगा, ना उनकी नागरिकता जाएगी और नही ही किसी अधिकार को ठेस पहुंचाई जाएगी, लेकिन जो बाहरी अवैध लोग हैं, उन्हे देश से जाना पड़ेगा, चाहे वह म्यांमार के रोहिंग्या हो याफिर बांग्लादेशी ,पाकिस्थानी हों।

क्यू विरोध कर रहे हैं भारत के मुस्लिम?

भारत के ज्यादातर मुस्लमान इस कानून से चिंतित हैं, उन्हे लग रहा हैं की, इस कानून के जरिए सरकार उनकी नागरिकता छीन लेगी, और यही वजह हैं जिसके चलते मुस्लमान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं,

जबकि भारत सरकार यह चीख चीख कर कह रहीं हैं,की उनका उद्देश्य सिर्फ भारत में बसे अवैध लोगो को देश से बाहर करना हैं, जो भारत की सीमा से सटे देशों से अवैध तरीके से आकर भारत में बसे हैं, इस कानून से मुस्लमान को कोई भी नुकसान नहीं होगा , जो भी अवैध प्रवासी है उन्हे भारत सरकार अपने अपने देश भेजने की तैयारी कर रही हैं, जिस से आंतरिक सुरक्षा भी जुडी हुई है।

बांग्लादेश,पाकिस्तान , अफ़गान देश में रह है पीड़ित हिंदू,जैन,बौद्ध लोगो को भारत में दी जाएगी नागरिकता?

दुनिया में ज्यादातर देश ईसाई धर्म के अधीन हैं, इस्लाम धर्म को मानने वाले भी 56 देश हैं, लेकिन हिंदू,बौद्ध और पारसी ,जैन के लिए भारत  सरकार नागरिकता देने के लिए आगे आया है, जिसमे कोई भी बाहरी  मुस्लमान व्यक्ति को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी, क्युकी मुसलमानी देश की संख्या 56 हैं, जो केवल इस्लाम धर्म को मानते है, लेकिन भारत के सटे देशों में जो पीड़ित हिंदू,जैन, बौद्ध लोग हैं, उनके हित के लिए भारत ने यह कदम उठाया है, भारत के बटवारे के समय जो भी हिन्दू, बौद्ध, जैन भारत छोड़कर गए थे , अब वापस वह भारत आ सकते हैं, जीने इस कानून के तहत भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी

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आपको बता दे की पश्चिम बंगाल में अवैध नागरीको की संख्या ज्यादा हैं, जहा अवैध तरीके से दस्तावेज बनाकर उन्हें बंगाल में आसरा दिया गया है, ऐसा कई टीवी चैनल और मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है, की भारत के सीमा पर ऐसे गुट भी हों सकते हैं की जो चंद रुपयों के लिए अवैध रूप से लोगो को भारत में पनाह देते हो जो उन्हे आधार कार्ड और बाकी जाली दस्तावेज बनाकर भारत में रहने के लिए मदद करते हो, कई ऐसे  वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए हैं, जिसमे कई पुलिस प्रशासन के जाबाज़ अफसरों ने ऐसे ऐसे मामलों को सरकार तक पहुंचने का काम किया हैं, बंगाल के साथ साथ, आसाम, मणिपुर, त्रिपुरा सहित कई ऐसी पहाड़ी क्षेत्रों हैं जहा अवैध रूप से लोग बसे हैं जो पूर्ण रूप से विदेशी शरणार्थी हैं, और  बांग्लादेश, म्यांमार , पकिस्तान से आए हैं।

*क्या हैं विपक्ष का कहना,कितना प्रभावी होगा CAA

इस कानून को लेकर विपक्ष ने तर्क दिया हैं, की अगर भारत सरकार बाहरी देशों पीड़ित हिंदू जैन बौद्ध धर्म के लोगो को भारत में पनाह देंगे तो,भारत के संसाधनों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, क्युकी भारत में इसका भार बढ़ता जाएगा , जिस से की भारत की जनसंख्या में भारी वृध्दि होगी, और संसाधनों का अभाव होगा, जैसे पलायन करके आएं लोगो की जिम्मेदारी को संभलना और उनके जरूरतों को पूरा करना भारत के लिए बड़ी चुनौती हैं।

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ऐसे में भारत सरकार का तर्क हैं, भारत में पहले से ही अवैध  लोग रह रहे है, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है, जिनकी संख्या कही न कही पीड़ित हिंदू जैन बौद्ध से अधिक हैं, हम बस बदलाव कर रहे हैं, ताकि देश में अवैध गतिविधियों को रोका जाए। ओर सुरक्षा के नजरिए से CAA को लागू किया जाए।

वही दूसरी ओर साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के तमिल एक्टर विजय थलापति मोदी सरकार के विरोध में हैं, उनका कहना हैं की तमिलनाडु में यह कानून वह लागू नही होने देंगे,कुछ महीनो पहले ही उन्होंने एक राजनितिक पार्टी का गठन किया है  जिसका नाम Tvk हैं।

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