Navratri 2023 Day 6 : छठवे दिन की विशेषताए , कैसे पूजा पाठ करे ,माता कात्यायनी कौन है ?

नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी का पूजन किया जाता है यह स्वरूप भ्रजमंडल की स्वामिनी हैं  शास्त्रों की माने तो कात्यायन ऋषि के घर माता के इस स्वरूप का जन्म हुआ था इसलिए उन्हें कात्यायनी कहा जाता हैं। माता के पूजन से रोग , पीड़ा दूर होती हैं और सुख , समृद्धि घर आती हैं।

माता कात्यायनी का स्वरुप  कैसा है?

सिंह पर सवार माता का यह दिव्य रूप अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हैं चार भुजा धारी माता के पास कमल हैं माता कात्यायनी को ब्रजमंडल की आराध्य देवी कहा जाता हैं।

माता कात्यायनी देवी का महत्त्व क्या है ?

माता का यह स्वरूप जाना जाता हैं गुरु की कुदृष्टि रोकने के लिए विवाह मामले में रूकावटे दूर होती है और गुरु की कृपा दृष्टी प्राप्त होती हैं।

शत्रु का भय समाप्त होने के लिए विधि विधान के साथ माता की पूजा की जाती हैं,  माता को शहद अर्पण किया जाता हैं।

माता कात्यायनी की पूजा कैसे करे?

प्रसन्न पान से स्नान करे और पीले वस्त्र धारण करके पूजा करे,  पूजा की थाली में बाकी सभी श्रृंगार के साथ शहद माता को अर्पण करे ,  माता को लाल पुष्प अर्पित करे ताकि आपकी मनोकामना पूर्ण हो।

माता कात्यायनी का प्रिय पुष्प कौन सा है?

माता को लाल गुलाब। अति प्रिय हैं इस लिए इस दिन यह पुष्प अर्पित करे।

 

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