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Navratri 2023 Day 8 : आठवे दिन की विशेषताए , कैसे पूजा पाठ करे ,महागौरी कौन है ?

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Navratri 2023 Day 8 : आठवे दिन की विशेषताए , कैसे पूजा पाठ करे ,महागौरी कौन है ?

नवरात्रि के पवन पर्व पर 9 दिन माता पार्वती के सभी दिव्य स्वरूप का पूजन होता हैं लेकिन इन सभी दिनो में अष्टमी का दिन बहुत महत्त्व रखता है।

 नवरात्रि का आठवां दिन क्यू खास हैं ?

नवरात्रि बाकी सभीं दिनो के बारे में विशेष कहानी हमारे पुराण, कथा याफिर धार्मिक ग्रंथो में बताई गई है। लेकिन इन सब में अष्टमी का महत्त्व कुछ जुड़ा है। आठवें दिन माता का दिव्य स्वरूप मतलब की महागौरी की पूजा की जाती हैं।
माता का यह रूप बहुत सुंदर और अत्यंत श्वेत हैं। चार भुजा धारी माता की सवारी बैल हैं और माता का स्वभाव शांत हैं ।

माता दुर्गा को महागौरी क्यों कहा जाता है?

पौराणिक कथा के अनुसार देखा जाए तो इस दिन का विशेष महत्व है और इसके पीछे इक कथा है। माता पार्वती ने भगवान शिव का घर तप किया था

ताकि उनका विवाह भगवान शिव से हो,जब माता तपस्या कर रही थी तब उन्होंने अन्न,जल, सबकुछ त्याग दिया था और वह तपस्या में लीन थी । इससे उनका शरीर काला पड़ गया था।

जब माता के तप से भगवान शिव प्रसन्न हुए तो उहोंने माता पार्वती से विवाह कर लिया और उनके काले पड़े शरीर को गंगा जल से पवित्र की ,इस तरी के से माता ने पुनः अपना सुंदर रूप वापस पाया। उनका यह रूप अत्यंत श्वेत कांति वाला हो गया इस लिए उन्हे महागौरी नाम दिया गया।

कैसे करे महागौरी की पूजा?

स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहने, माता रानी का अभिषेक करे और पूजा की थाल सजाए,  वैसे तो मातारानी को स्वेत रंग पसंद हैं और इस दिन माता रानी को सफेद कपड़ा अर्पण करे ।

प्रसाद में माता को काले चने का भोग लगाएं और कुछ मिठाई अर्पण करे , लेकिन घर की ही मिठाई उन्ही अर्पण करना चाहिए। कुमकुम , सफेद पुष्प माता को जरूर अर्पण करे । अष्टमी के दिन कन्या पूजा करे और भोग लगाए ।माता महागौरी को कौनसा पुष्प अर्पित करे? माता का यह स्वरूप शांत और तेजस्वी हैं इसी के साथ उन्हें स्वेत पुष्प पसंद हैं जिसमे रातरानी का पुष्प अति प्रिय हैं।

महागौरी को रातरानी का पुष्प ही क्यों चढ़ाए?

राहु दोष नष्ट करने के लिए रातरानी का विशेष महत्व हैं । और इस केवल माता महागौरी का हिं स्वरूप नियंत्रित रख सकती हैं।

माता महागोरी की पूजा का क्या महत्त्व हैं ?

जीवन साथी की प्रार्थना के लिए माता के इस स्वरूप का पूजन किया जाता हैं। साथ ही आपकी मनोकामना पूर्ति हेतु भी माता पार्वती के इस स्वरूप को पूजा जाता हैं माता का शांत स्वभाव आपको सुख शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं इस लिए इस महाअष्टमी को लेकर बहुत महत्व हैं।

 

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