नवरात्री के 9 वे दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, माता का यह रूप बल, संपत्ति और यश को दर्शाता हैं ,पुराणों में शास्त्रों में माता के इस रूप को मोक्ष दायिनी और सफलता की देवी माना जाता हैं,
माता सिद्धिदात्री कौनसी सिद्धी, शक्ति प्रदान करती है ?
माता पार्वती का यह स्वरूप यश की प्राप्ति के लिए विख्यात हैं ,इसके पीछे एक कहानी हैं जानकी हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित मिलती हैं। माता का यह दिव्य स्वरूप शक्ति,और सिद्धियां प्रदान करती हैं। पुराणों में कहा गया हैं की भगवान शिव ने अपनी सिद्धियां माता से है पाई थी। और यहीं से विश्व में विख्यात हुआ अर्धनारीश्वर अवतार।
माता सिद्धिदात्री की पूजा कैसे की जाती हैं ?
स्नान करके भक्त पहले खुद को स्वच्छ कर ले। पीले याफिर सफेद रंग के वस्त्र धारण करे। माता रानी का अभिषेक करे और श्वेत रंग के वस्त्र माता को। अर्पण करे। माता के पूजा थाल में कुमकुम जरूर रखे और सफेद पुष्प भी ।
नवरात्री के 9 वे दिन का शुभ रंग कौन सा हैं?
इस 9 वे दिन का शुभ रंग बैंगनी हैं। जो की अध्यात्म को दर्शाता हैं।
माता सिद्धिदात्री का स्वरूप कैसा हैं ?
माता का यह रूप शक्ति को दर्शाता हैं । माता के चार भुजा में गदा,चक्र ,शंख और कमल पुष्प हैं। माता रानी का यह रूप अष्ट सिद्धि की स्वामी हैं इसलिए इनकी सिद्धिदात्री कहते हैं।
अनिमा, महिमा, वशित्व जैसी सिद्धियां हैं इसलिए इनकी पूजा शक्ति प्रदान करने के लिए की जाती हैं ।
माता सरस्वती कौन हैं?
बहुत कम लोगोंको पता हैं मगर माता सरवस्ती का ही रूप माता सिद्धिदात्री है।
माता सिद्धिदात्री की पूजा क्यू करनी चाहिए ?
यश, शक्ति और समृद्धि के लिए देवी की पूजा की जाती हैं। नवमी के दिन माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हवन किया जाता हैं। लेकिन इस दिन की मतलब की नवरात्रि के 9 वे दिन की अदिष्ठत्रि देवी माता सिद्धिदात्री है।